
देहरादून :उत्तराखंड में लंबे समय से चल रही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चयन प्रक्रिया अब एक बार फिर गति पकड़ती नज़र आ रही है। पहले तय किए गए 30 अप्रैल की समयसीमा से चूकने के बाद अब 15 जून तक नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा होने की संभावना जताई जा रही है।
प्रदेश अध्यक्ष चयन की इस प्रक्रिया में पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के चलते बाधा आई। इन घटनाओं की वजह से राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी का ध्यान रणनीतिक और सुरक्षा मामलों की ओर केंद्रित हो गया, जिससे कई राजनीतिक गतिविधियां प्रभावित हुईं। इन्हीं कारणों से उत्तराखंड में प्रदेश नेतृत्व के चयन की समयसीमा भी आगे बढ़ा दी गई।
प्रदेश में न केवल भाजपा अध्यक्ष का चयन लटका हुआ है, बल्कि काफी समय से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी चर्चाएं जारी हैं। लेकिन अब तक इस दिशा में भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे पार्टी के अंदरुनी हलकों में बेचैनी देखी जा रही है।
भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति के प्रदेश चुनाव अधिकारी खजान दास ने जानकारी दी कि, “प्रदेश में बूथ, मंडल और जिला स्तर के चुनाव पहले ही संपन्न हो चुके हैं। अब जैसे ही राष्ट्रीय नेतृत्व से आदेश मिलेगा, प्रदेश अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया अब 15 जून तक पूरी हो सकती है।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि भाजपा के राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी लक्ष्मण के निर्देशों के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश भाजपा में कई नेता नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा को लेकर उत्सुक हैं, क्योंकि इससे संगठनात्मक गतिविधियों में नई गति आ सकेगी। कई नेता इस बात को लेकर भी चिंता जता चुके हैं कि लगातार विलंब पार्टी की जमीनी तैयारियों को प्रभावित कर सकता है — खासकर 2027 विधानसभा चुनाव और आगामी स्थानीय निकाय चुनावों की दृष्टि से।
भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, कई नामों पर चर्चा चल रही है, लेकिन अंतिम मुहर अब भी राष्ट्रीय नेतृत्व की स्वीकृति पर निर्भर है। संभावित नामों में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन, संगठन में अनुभव, और केंद्रीय नेतृत्व से निकटता जैसे पहलुओं को प्रमुखता दी जा रही है।