
लातूर: यूं तो डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है लेकिन कभी-कभी ऐसे मामले सामने आ जाते हैं जिससे यह कहावत भी सवालों के घेरे में आ जाती है। ताजा मामला लातूर के सिविल के अस्पताल का है जहां एक डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान ऐसी लापरवाही बरती की मरीज की जान पर बन आई। लातूर के औसा सिविल अस्पताल में डॉक्टर ने मरीज के पेट में नैपकिन छोड़ दी थी। कुछ दिनों बाद मरीज की हालत बिगड़ने लगी। फिर जांच में पता चला कि मरीज के पेट में नैपकिन है। दोबारा ऑपरेशन कर नैपकिन को निकालकर मरीज की जान बचाई गई।
यह मामला सिविल अस्पताल औसा का है। यहां चार महीने पहले एक महिला का सीजेरियन ऑपरेशन हुआ था। धाराशिव जिले के गांव मुरूम जिला की रहने वाली पीडिता को 13 अप्रैल को प्रसव पीड़ा के चलते सिविल अस्पताल लाया गया था। रात को आठ बजे महिला ने सीजेरियन ऑपरेशन के बाद एक बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद 20 अप्रैल को पीड़िता को डिस्चार्ज कर दिया गया। फिर 2 मई को उसकी हालत बिगड़ी तो उसे औसा से उसे लातूर के मेडिकल कालेज रेफर कर दिया, वहां उसका करीब 20 दिन तक इलाज चला।