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सीतापुर में शादी से पहले दूल्हा फरार, तीन साल के प्रेम-प्रसंग के बाद टूटा रिश्ता; दुल्हन करती रही इंतज़ार

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सीतापुर (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां शादी के दिन दूल्हा बारात लेकर नहीं पहुंचा और फरार हो गया। इस घटना ने न सिर्फ लड़की के परिवार को गहरा झटका दिया, बल्कि पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई।

पूरा मामला लहरपुर कोतवाली क्षेत्र के ठठेरी टोला का है, जहां मोहल्ले के ही युवक अमन और हमीद की बेटी के बीच पिछले तीन वर्षों से प्रेम संबंध चल रहा था।


शादी की तैयारियों के बीच टूटा सपना

परिवार ने दोनों की शादी तय कर दी थी और 15 जुलाई को बारात आने वाली थी। लेकिन बारात के बजाय सिर्फ खबर आई — ‘दूल्हा घर से भाग गया है’।
शादी की सभी तैयारियां पूरी थीं, रिश्तेदार और मेहमान पहुंच चुके थे, लेकिन बारात के न आने से खुशियों का माहौल मातम में बदल गया।


लड़की के पिता ने लगाए गंभीर आरोप

पीड़िता के पिता हमीद ने लहरपुर कोतवाली में दी गई तहरीर में आरोप लगाया है कि अमन ने पिछले तीन सालों के प्रेम संबंध के दौरान शादी का झांसा देकर उनकी बेटी से शारीरिक संबंध बनाए। अब जब शादी की बात आई, तो न केवल अमन ने, बल्कि उसके परिवार ने भी साफ इनकार कर दिया।


पंचायत ने सुनाया था शादी का फरमान

27 जून को मोहल्ले में इस मसले पर स्थानीय पंचायत बुलाई गई थी, जिसमें दोनों परिवारों के बीच सुलह कराते हुए 15 जुलाई को निकाह का निर्णय लिया गया।
हमीद के अनुसार, वह इस फैसले के बाद शादी की पूरी तैयारियों में जुट गए थे, लेकिन शादी वाले दिन अमन अपने घर से फरार हो गया।


पुलिस ने शुरू की जांच

लड़की के पिता की शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। लहरपुर कोतवाली पुलिस का कहना है कि सभी पहलुओं की जांच की जा रही है, और यदि आरोप सही पाए गए तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।


सामाजिक जिम्मेदारी और कानून का सवाल

यह मामला ना सिर्फ एक प्रेम कहानी के बिखरने की कहानी है, बल्कि सामाजिक जवाबदेही, महिला अधिकारों और कानून की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। शादी का झांसा देकर संबंध बनाना भारतीय दंड संहिता के तहत दंडनीय अपराध है, और ऐसे मामलों में पुलिस को तुरंत न्यायिक प्रक्रिया शुरू करनी होती है।

सीतापुर की यह घटना एक बार फिर बताती है कि प्रेम, भरोसा और सामाजिक मर्यादा जब टूटती है, तो उसका असर सिर्फ दो लोगों पर नहीं बल्कि पूरे परिवार और समाज पर पड़ता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि कानून अपना काम कितनी तेजी से करता है और पीड़ित परिवार को कितना न्याय मिल पाता है।

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