
नैनीताल, 19 अगस्त 2025: नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव का लंबा इंतजार और राजनीतिक विवाद आखिरकार खत्म हो गया है। आधिकारिक परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। भाजपा प्रत्याशी दीपा दरम्वाल ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस की देवकी उपाध्यक्ष चुनी गईं। यह परिणाम न केवल जिले के राजनीतिक समीकरणों को नया आयाम देगा, बल्कि राज्यभर में पंचायत राजनीति के बदलते रुझान को भी दर्शाता है।
अपहरण प्रकरण से गरमाया चुनाव
यह चुनाव केवल पदों की लड़ाई तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें नाटकीय घटनाक्रम भी देखने को मिला। 14 अगस्त को मतदान प्रक्रिया के दौरान ही 5 पंचायत सदस्यों के कथित अपहरण की खबर सामने आई। इसने माहौल को बेहद तनावपूर्ण बना दिया और सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई।
विपक्षी दलों ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमला करार दिया, जबकि सत्ता पक्ष ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया। मामला इतना गरमा गया कि प्रशासन को तत्काल अतिरिक्त सुरक्षा तैनात करनी पड़ी।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
परिणामों की घोषणा से पहले ही जिला प्रशासन ने हालात बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए। नैनीताल के मुख्य कोषागार और जिला कार्यालय के 500 मीटर दायरे में धारा 144 लागू कर दी गई। इसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने, जुलूस निकालने, नारेबाजी करने या किसी भी प्रकार की सार्वजनिक सभा पर रोक लगा दी गई।
प्रशासन ने साफ संदेश दिया कि कानून-व्यवस्था के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यही वजह रही कि परिणाम घोषित होने के बाद भी जिले में स्थिति सामान्य और नियंत्रित रही।
भाजपा और कांग्रेस का समीकरण
अध्यक्ष पद पर भाजपा की जीत से पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है। दीपा दरम्वाल का अध्यक्ष पद पर आना भाजपा के लिए जिला स्तर पर बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। वहीं उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस की देवकी की जीत विपक्ष को भी सियासी संबल देती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह ‘स्प्लिट मैंडेट’ जिला स्तर पर भाजपा और कांग्रेस के बीच संतुलन की राजनीति का संकेत है। इससे दोनों दलों के नेताओं के बीच रणनीतिक समझौते और टकराव की संभावनाएं बनी रहेंगी।
भविष्य की चुनौतियाँ
नैनीताल जिला पंचायत के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती विकास कार्यों को गति देने की होगी। पिछले कुछ वर्षों से जिले में सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर लोगों की शिकायतें बढ़ी हैं। इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण, पर्यटन और रोजगार सृजन जैसे मुद्दे भी पंचायत की प्राथमिकता में शामिल होंगे।
स्थानीय नागरिकों की अपेक्षाएँ हैं कि राजनीतिक विवादों से आगे बढ़कर पंचायत प्रतिनिधि जमीनी स्तर पर काम करेंगे और विकास की रफ्तार को तेज करेंगे।
नैनीताल जिला पंचायत चुनाव का परिणाम भले ही अलग-अलग दलों की जीत का संतुलन दिखाता हो, लेकिन सबसे बड़ा संदेश यही है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया हर विवाद और बाधा के बावजूद आगे बढ़ती है। अब देखना यह होगा कि भाजपा की दीपा दरम्वाल और कांग्रेस की देवकी मिलकर जिले की जनता के विश्वास पर कितना खरा उतरती हैं।



