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इस तारीख को मणिपुर का दौरा कर सकते हैं PM मोदी, सामने आई संभावित डेट; मिजोरम का भी कार्यक्रम

हिंसाग्रस्त मणिपुर में हालात का जायजा लेंगे प्रधानमंत्री, मिजोरम में करेंगे रेलवे प्रोजेक्ट का उद्घाटन

नई दिल्ली, 2 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही पूर्वोत्तर भारत की यात्रा पर जा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी 13 सितंबर को मिजोरम और मणिपुर का दौरा करेंगे। इस दौरे को न सिर्फ राजनीतिक रूप से बल्कि सामाजिक और सुरक्षा दृष्टि से भी बेहद अहम माना जा रहा है। वजह साफ है—मणिपुर बीते दो साल से जातीय हिंसा की आग में झुलस रहा है और विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री से वहां जाकर हालात का जायजा लेने की मांग करता रहा है।


मिजोरम से शुरुआत करेंगे पीएम मोदी

जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पूर्वोत्तर दौरे की शुरुआत मिजोरम से करेंगे। यहां वे बैराबी–सैरांग रेलवे प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे। यह परियोजना न केवल मिजोरम के लिए बल्कि पूरे उत्तर-पूर्व क्षेत्र के लिए रणनीतिक दृष्टि से अहम है। यह रेलवे लाइन पूर्वोत्तर को बाकी भारत से और मजबूती से जोड़ने का काम करेगी और क्षेत्र में कनेक्टिविटी, व्यापार और पर्यटन को नई गति देगी।

मिजोरम में कार्यक्रम पूरा करने के बाद पीएम मोदी का काफिला मणिपुर की ओर बढ़ेगा, जहां उनका दौरा सुरक्षा और शांति बहाली की दृष्टि से बड़ा संदेश देने वाला होगा।


मणिपुर की संवेदनशील स्थिति

मणिपुर मई 2023 से लगातार हिंसा की चपेट में है। मेइती और कुकी समुदायों के बीच शुरू हुआ संघर्ष धीरे-धीरे बड़े पैमाने पर फैल गया। इस हिंसा में अब तक कम से कम 260 लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग अपने घर छोड़कर राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं।

सुरक्षाबलों की बड़ी तैनाती के बावजूद sporadic झड़पें और तनाव के हालात बने रहते हैं। प्रशासनिक स्तर पर केंद्र सरकार हालात को संभालने की लगातार कोशिश कर रही है, लेकिन स्थानीय लोगों के बीच असुरक्षा और अविश्वास की भावना अभी भी बनी हुई है।


राजनीतिक पृष्ठभूमि और हालिया घटनाक्रम

हिंसा और तनाव के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कुछ महीने पहले इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद केंद्र ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया और विधानसभा को निलंबित कर दिया। अब पूरा प्रशासनिक ढांचा सीधे केंद्र सरकार के अधीन है।

विपक्षी दल लंबे समय से प्रधानमंत्री से मांग कर रहे थे कि वे खुद मणिपुर जाएं और वहां के लोगों से मिलकर एक भरोसेमंद संदेश दें। कांग्रेस समेत कई दलों ने संसद से लेकर सड़कों तक यह मुद्दा उठाया था। ऐसे में पीएम मोदी का यह दौरा उस दबाव और मांग दोनों का जवाब माना जा रहा है।


दौरे से क्या बदल सकता है?

प्रधानमंत्री का दौरा प्रतीकात्मक होने के साथ-साथ वास्तविक प्रभाव भी डाल सकता है।

  1. स्थानीय जनता के बीच विश्वास: पीड़ित परिवारों से मिलना और सीधे संवाद करना लोगों के बीच यह संदेश देगा कि केंद्र सरकार हालात पर गंभीर है।
  2. राजनीतिक संदेश: विपक्ष की आलोचना का जवाब देने के साथ-साथ भाजपा इस दौरे को शांति बहाली की दिशा में एक ठोस पहल के रूप में पेश कर सकेगी।
  3. सुरक्षा समीक्षा: प्रधानमंत्री का दौरा सुरक्षा एजेंसियों को भी मजबूत संकेत देगा कि राज्य की स्थिति को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा जा रहा है।

मिजोरम के कार्यक्रम की अहमियत

मणिपुर के संवेदनशील हालातों के साथ-साथ मिजोरम में होने वाला रेलवे प्रोजेक्ट का उद्घाटन भी बेहद अहम है। बैराबी–सैरांग रेलवे लाइन मिजोरम को देश के अन्य हिस्सों से मजबूत रेल संपर्क प्रदान करेगी। इसके जरिए न केवल माल और यात्री परिवहन आसान होगा बल्कि क्षेत्र की आर्थिक प्रगति और पर्यटन में भी तेजी आएगी।

विशेषज्ञ मानते हैं कि यह परियोजना “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की परिकल्पना को और मजबूत करेगी।


पीएम मोदी की यात्रा पर सबकी निगाहें

यह पहला मौका होगा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंसा शुरू होने के बाद मणिपुर का दौरा करेंगे। जाहिर है, इस यात्रा को लेकर न सिर्फ स्थानीय लोग बल्कि राष्ट्रीय राजनीति और अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी नजरें गड़ाए हुए है।

मणिपुर में दो साल से चले आ रहे जातीय संघर्ष ने भारत की आंतरिक सुरक्षा और सामाजिक सद्भाव के लिए बड़ी चुनौती पेश की है। ऐसे में प्रधानमंत्री का दौरा यदि शांति बहाली के ठोस कदमों के साथ जुड़ा होता है, तो यह राज्य और पूरे उत्तर-पूर्व के लिए एक नया मोड़ साबित हो सकता है।

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