बड़ी खबर : DG शिक्षा ने की अधिकारियो की बैठक, दिए ये महत्वपूर्ण निर्देश
Big news: DG Education held a meeting of officers, gave these important instructions

Dehradun: निपुण भारत मिशन के अन्तर्गत राज्य स्तरीय अधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड के कक्ष में किया गया। उक्त बैठक बंशीधर तिवारी, महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। राज्य के शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों द्वारा इस बैठक में प्रतिभाग किया गया। निपुण भारत मिशन के अन्तर्गत किये जा रहे सभी कार्यों, भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप परियोजना पर विस्तृत परिचर्चा की गयी।
निपुण भार के लक्ष्यों के अनुसार कार्ययोजना के क्रियान्वयन, विद्यालयों के अनुश्रवण पर राज्य परियोजना निदेशक महोदय द्वारा सभी राज्य स्तरीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। निपुण भारत योजना का मुख्य उद्देश्य आधारभूत साक्षरता एवं संख्यामक्त के ज्ञान को छात्रों के अंतर्गत विकसित करना है। इस योजना के माध्यम से सन 2026-27 तक तीसरी कक्षा के अंत तक छात्र को पढ़ने, लिखने एवं अंकगणित को सीखने की क्षमता प्राप्त होगी। यह योजना बच्चों के विकास के लिए बहुत कारगर साबित होगी।
निपुण भारत योजना के माध्यम से अब बच्चे समय से आधारभूत साक्षरता एवं संख्यामक्त का ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे। जिससे की उनका मानसिक एवं शारीरिक विकास होगा। NIPUN Bharat का संचालन शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा। यह योजना स्कूली शिक्षा कार्यक्रम समग्र शिक्षा का एक हिस्सा होगी। इस योजना को नई शिक्षा नीति के अंतर्गत आरंभ किया गया है। निपुण भारत योजना के माध्यम से बच्चे संख्या, माप और आकार के क्षेत्र के तर्क को भी समझ पाएंगे।
अपर राज्य परियोजना निदेशक डॉ० मुकुल कुमार सती द्वारा निपुण भारत मिशन के अन्तर्गत राज्य में किये जा रहे सभी कार्यों को कार्यशाला में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। उक्त कार्यशाला का संचालन श्री भगवती प्रसाद मैन्दोली, स्टॉफ आफिसर के द्वारा किया गया। कार्यशाला में समस्त अधिकारियों के द्वारा निपुण भारत मिशन के उद्देश्यों एवं लक्ष्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु सामुदायिक सहभागिता पर भी विशेष जोर दिया गया। कार्यशाला के दौरान सहयोगी संस्था ‘रूम टू रीड’ का भी विशेष सहयोग रहा।
उक्त कार्यशाला में तीनों निदेशालयों- माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय तथा अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशालय के समस्त अधिकारियों, एस०सी०ई०आर०टी० के समस्त अधिकारी, कार्मिकों एवं समग्र शिक्षा के समस्त अधिकारी, समन्वयकों के द्वारा प्रतिभाग किया गया।