
नई दिल्ली/शिमला/देहरादून/चंडीगढ़: उत्तर भारत एक बार फिर भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की चपेट में है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में लगातार बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। कहीं पहाड़ दरक रहे हैं तो कहीं बादल फटने से आई बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। पंजाब में नदियां उफान पर हैं और कई जिलों में पानी भर गया है। इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अपनी सितंबर 2025 की मासिक रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक इस महीने देशभर में सामान्य से अधिक बारिश (LPA का 109% से ज्यादा) होने की संभावना है।
हिमाचल: 2000 करोड़ का नुकसान, हमीरपुर में स्कूल बंद
हिमाचल प्रदेश इस बार मॉनसून की मार सबसे ज्यादा झेल रहा है। राज्य में अब तक 2000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान दर्ज किया जा चुका है। हमीरपुर जिले में लगातार भारी बारिश के चलते प्रशासन ने सोमवार को सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रखने का आदेश दिया।
- 31 अगस्त से हो रही बारिश ने ग्रामीण और संपर्क मार्गों पर जलभराव और भूस्खलन जैसी स्थिति पैदा कर दी है।
- मौसम विभाग ने जिले में रेड अलर्ट जारी किया है।
लोगों को घरों से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है।
उत्तराखंड: दो मौतें, कई जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट
उत्तराखंड में रविवार को भारी बारिश से दो लोगों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं।
- देहरादून, टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार में रेड अलर्ट जारी।
- दो सितंबर को देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और बागेश्वर में ऑरेंज अलर्ट।
- कई जिलों में स्कूलों की छुट्टियां घोषित।
धराली में बादल फटने जैसी घटनाओं ने लोगों को दहला दिया है। राज्य सरकार ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं।
जम्मू-कश्मीर: 130 से अधिक मौतें, हाईवे बार-बार बंद
जम्मू-कश्मीर में 14 अगस्त से अब तक बादल फटने और बाढ़ में 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
- जम्मू संभाग के पहाड़ी इलाकों में सभी सरकारी और निजी स्कूल बंद।
- जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे बार-बार भूस्खलन से बाधित हो रहा है।
- उधमपुर की डीसी सलोनी राय और एनएचएआई की मशीनरी लगातार मलबा हटाने और सड़क बहाल करने में जुटी है।
लगातार बारिश ने राज्य की संचार और परिवहन प्रणाली को बुरी तरह प्रभावित किया है।
पंजाब: सतलुज-ब्यास-रावी के उफान से बाढ़
पंजाब में भी हालात बिगड़ रहे हैं। हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में हुई बारिश ने सतलुज, ब्यास और रावी नदियों का जलस्तर बढ़ा दिया है।
- पठानकोट, गुरदासपुर, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर के गांव सबसे ज्यादा प्रभावित।
- एनडीआरएफ, सेना, बीएसएफ और पंजाब पुलिस युद्धस्तर पर राहत-बचाव अभियान चला रही है।
- मौसम विभाग ने आज और मंगलवार को हरियाणा और पंजाब में भारी बारिश की संभावना जताई है।
दिल्ली-NCR और अन्य राज्यों में क्या हाल?
दिल्ली-NCR में फिलहाल हल्की से मध्यम बारिश का दौर जारी है। यमुना का जलस्तर लगातार मॉनिटर किया जा रहा है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि सितंबर में राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के राज्यों में बारिश का असर बढ़ सकता है।
राजस्थान, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी आगामी दिनों में मौसमी गतिविधियों के तेज होने की संभावना जताई गई है।
आईएमडी का पूर्वानुमान: सितंबर में ज्यादा बारिश
IMD की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक:
- सितंबर 2025 में देशभर में औसत से अधिक बारिश की संभावना।
- उत्तर-पश्चिम भारत में अगस्त 2025 में 265 मिमी बारिश दर्ज हुई, जो 2001 के बाद से सबसे ज्यादा है।
- मौसम विभाग का मानना है कि सितंबर में भी यही रुझान जारी रहेगा।
जनता के लिए अलर्ट
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि:
- नदी-नालों के पास न जाएं।
- अलर्ट और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें।
- अफवाहों पर ध्यान न दें।
- आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन और हेल्पलाइन से संपर्क करें।
उत्तर भारत में इस समय हालात बेहद गंभीर हैं। हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में जहां मॉनसून ने तबाही मचाई है, वहीं पंजाब में नदियों का उफान लाखों लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान साफ संकेत दे रहे हैं कि सितंबर में बारिश और कहर बरपा सकती है।