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उत्तराखंडफीचर्ड

पौधारोपण के साथ मतदाता जागरूकता का संकल्प: उत्तराखंड में पर्यावरण दिवस पर अनूठी पहल

हरेला पर्व तक चलेगा अभियान, 2 लाख पौधारोपण का लक्ष्य, हर बूथ पर लगेगा हरियाली का बीज

देहरादून : राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम के निर्देश पर प्रदेशभर में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मतदाता जागरूकता को लेकर विशेष पहल की गई। इस अवसर पर “वृक्ष लगाओ – वोट बढ़ाओ” संदेश के साथ पौधारोपण एवं मतदान संकल्प का आयोजन किया गया। अभियान का शुभारंभ राज्य के सभी जनपदों में हुआ, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बीएलओ और आमजन ने भाग लिया।

इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों ने न केवल पौधे लगाए, बल्कि मतदान की शपथ के साथ उन पौधों की सुरक्षा और देखभाल का भी संकल्प लिया। पहले ही दिन पूरे प्रदेश में लगभग 16,000 पौधे लगाए गए। जुलाई के अंत तक हरेला पर्व के अवसर तक इस अभियान को जारी रखते हुए दो लाख पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है।

प्रत्येक पोलिंग बूथ पर पौधारोपण:
राज्य के 11,700 से अधिक मतदान केंद्रों पर इस अभियान को सघन रूप से संचालित किया जा रहा है। प्रत्येक बूथ पर कम से कम 10 पौधे लगाए जाएंगे। इन पौधों का रोपण वरिष्ठ मतदाता, नव-मतदाता एवं महिला मतदाताओं के माध्यम से करवाया जा रहा है, जिससे सहभागिता और जुड़ाव बढ़ सके।

मतदान के साथ प्रकृति प्रेम का संदेश:
उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी किशन सिंह नेगी ने बताया कि सचिवालय परिसर सहित अनेक शासकीय भवनों में रुद्राक्ष, नीम, पीपल जैसे पर्यावरण के लिए लाभकारी पौधों का रोपण किया गया। उन्होंने बताया कि मतदाता जागरूकता को बढ़ाने हेतु जून माह की थीम “Every Drop of Rain and Every Vote Counts” तथा जुलाई माह की थीम “हरेला का संदेश, वोट बने विशेष” निर्धारित की गई है। इन थीमों के तहत स्वीप (SVEEP) गतिविधियों को संचालित किया जा रहा है।

संरक्षण और सहभागिता पर जोर:
इस अभियान में सिर्फ पौधे लगाना ही नहीं, बल्कि उनकी देखभाल सुनिश्चित करना भी प्रमुख उद्देश्य है। संबंधित बूथ और स्थानीय नागरिकों की जिम्मेदारी होगी कि वे इन पौधों को संरक्षित रखें। यह अभियान न केवल पर्यावरणीय चेतना को जगाने का कार्य करेगा, बल्कि मतदाता जागरूकता को भी समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाएगा।


यह पहल इस बात का उदाहरण है कि पर्यावरण और लोकतंत्र—दोनों का संरक्षण साथ-साथ संभव है। उत्तराखंड द्वारा उठाया गया यह कदम देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकता है।

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