नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के बस्तर में साल 2013 में कांग्रेसी नेताओं की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट से एनआईए (NIA) को झटका लगा है. कोर्ट ने कहा है कि माओवादी हमलों में बड़ी राजनीतिक साजिश के आरोपों का मामला चलता रहेगा. छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा 2020 में दर्ज की गई नई एफआईआर के खिलाफ एनआईए की याचिका खारिज कर दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम मामले में दखल नहीं देंगे. सुकमा के झीरम घाटी में 2013 में माओवादियों के हमले में 27 कांग्रेस नेताओं की मौत की जांच एनआईए द्वारा किये जाने के बावजूद, राज्य पुलिस से कराये जाने के राज्य सरकार के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था.
बता दें कि एनआईए इस मामले की जांच 2013 से कर रही है. इस मामले में 39 लोगों को आरोपी बनाया गया है और उनके खिलाफ 2 चार्जशीट दाखिए हुए हैं. यह मामला तत्कालीन रमन सिंह की सरकार में हुआ था और माओवादियों ने कांग्रेस के पूरे राज्य नेतृत्व का सफाया कर दिया था. बस्तर जिले के दर्भा इलाके में झीरम घाटी मे 25 मार्च, 2013 को हुये नक्सली हमले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, प्रतिपक्ष के पूर्व नेता महेन्द्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्या चरण शुक्ला सहित 29 व्यक्ति मारे गये थे.