उच्चतम न्यायालय ने योगगुरु रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को मंगलवार को एक हलफनामा दाखिल करने को कहा, जिसमें यह बताया जाए कि उन 14 उत्पादों के विज्ञापन वापस लिए गए हैं या नहीं, जिनके विनिर्माण लाइसेंस शुरू में निलंबित किए गए थे और बाद में बहाल कर दिए गए. राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने एक ताजा घटनाक्रम में, उच्चतम न्यायालय में एक हलफनामा दायर कर कहा है कि विवाद के मद्देनजर पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की शिकायतों की जांच करने वाली एक उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट के बाद निलंबन आदेश रद्द कर दिया गया है.
हालांकि, सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने पतंजलि के 16 मई के हलफनामे का संज्ञान लिया, जिसमें कंपनी ने कहा था कि 15 अप्रैल के निलंबन आदेश के मद्देनजर उक्त 14 उत्पादों की बिक्री रोक दी गई है. शीर्ष अदालत भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) की ओर से दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पतंजलि पर कोविड टीकाकरण अभियान और आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया गया.