
चम्पावत, 28 अक्टूबर 2025: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को खटीमा स्थित लोहियाहेड कैंप कार्यालय में “शारदा कॉरिडोर विकास परियोजना” की विस्तृत समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि परियोजना से जुड़े सभी निर्माण कार्य जनभावनाओं और स्थानीय आस्था के अनुरूप किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कॉरिडोर न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि संस्कृति, पर्यटन और रोजगार सृजन के लिहाज से भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का होगा समग्र विकास
शारदा कॉरिडोर विकास परियोजना का उद्देश्य टनकपुर और आसपास के लगभग 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का समग्र और संतुलित विकास करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना एक ऐसे विज़न का हिस्सा है, जो इस क्षेत्र को “श्रद्धा, संस्कृति और समृद्धि का केंद्र” बनाएगी।
परियोजना में धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार के साथ-साथ, आधुनिक पर्यटन और पर्यावरणीय ढांचे का समन्वय किया जा रहा है, ताकि यह क्षेत्र देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का नया केंद्र बन सके।
मुख्यमंत्री धामी ने बैठक में परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित 38 प्रमुख कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और कहा कि प्रत्येक कार्य समयबद्ध, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरे किए जाएं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि “यह सिर्फ विकास परियोजना नहीं, बल्कि लोगों की आस्था और पहचान से जुड़ा एक सपना है।”
मुख्य कार्य: धार्मिक पुनरुद्धार से लेकर एयरो स्पोर्ट्स तक
मुख्यमंत्री ने जिन 38 कार्यों की समीक्षा की, उनमें से कुछ प्रमुख हैं —
- शारदा घाट का पुनर्विकास, ताकि श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुंदर घाट विकसित किया जा सके।
- रणकोची माता मंदिर का पुनरुद्धार, जिससे स्थानीय धार्मिक परंपराओं को नया जीवन मिले।
- सिटी ड्रेनेज प्लान–1, ताकि टनकपुर शहर में समुचित जल निकासी व्यवस्था स्थापित की जा सके।
- बनबसा में हेलीपोर्ट का विकास, जिससे पर्यटन और आपातकालीन सेवाओं को सुविधा मिले।
- चूका से चल्थी तक माउंटेन बाइक ट्रेल का निर्माण, जो साहसिक पर्यटन को नया आयाम देगा।
- अंतरराष्ट्रीय सीमा बाजार का विकास, जिससे स्थानीय व्यापार और सीमांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
- श्रद्धा पथ नदी तट का सौंदर्यीकरण और शारदा रिवरफ्रंट के लिए मास्टर प्लान तैयार करना।
- एयरो स्पोर्ट्स और एडवेंचर गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण।
मुख्यमंत्री ने भूमि अधिग्रहण और हस्तांतरण कार्यों को प्राथमिकता से पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि “हर कार्य स्थानीय लोगों की सहमति और सहभागिता से होना चाहिए। यह परियोजना तभी सफल होगी जब लोग इसे अपना समझकर जुड़ें।”
पर्यावरण और पारंपरिक स्थापत्य को मिलेगी प्राथमिकता
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस परियोजना में पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। सभी निर्माण कार्यों में पर्यावरणीय प्रभावों को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन तैयार किए जाएंगे। उन्होंने निर्देश दिया कि “कॉरिडोर की संरचनाएं स्थानीय स्थापत्य शैली और पारंपरिक पहाड़ी वास्तुकला के अनुरूप” हों।
मुख्यमंत्री ने कार्यदायी संस्था को निर्देश दिया कि वह क्षेत्र में स्थानीय कार्यालय स्थापित करे, ताकि निर्माण कार्यों में गति आए और निर्णय लेने में पारदर्शिता बनी रहे।
3300 करोड़ की निवेश योजना से टनकपुर को नई पहचान
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना में लगभग ₹3300 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है और निर्माण कार्य त्वरित गति से प्रारंभ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि “शारदा कॉरिडोर न केवल टनकपुर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को सहेजेगा, बल्कि इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान भी दिलाएगा।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना स्थानीय रोजगार सृजन, महिला स्वावलंबन और जनजीवन स्तर सुधार का माध्यम बनेगी। इस परियोजना से पर्यटन को नई दिशा मिलेगी और होटल, परिवहन, हस्तशिल्प, भोजनालयों जैसे कई क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
स्पिरिचुअल ज़ोन और डेस्टिनेशन वेडिंग हब की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि भविष्य में लोहाघाट स्थित विवेकानंद सर्किट के विकास पर भी कार्य किया जाएगा, ताकि क्षेत्र की आध्यात्मिक धरोहर को और मजबूत किया जा सके।
इसके साथ ही माँ वाराही धाम को स्पिरिचुअल ज़ोन के रूप में विकसित करने की दिशा में योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि “इस क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ डेस्टिनेशन वेडिंग हब के रूप में भी संभावनाएं हैं, जिन्हें योजनाबद्ध तरीके से साकार किया जाएगा।”
धामी ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य पर्वतीय जिलों को विकास के समान अवसर देना है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि सेना, पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के वीर शहीदों के सम्मान में “शौर्य स्थल” विकसित किया जाएगा, जिससे युवाओं में देशभक्ति की भावना और मजबूत हो।
जनभावना से जुड़ी विकास की अवधारणा
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि “हर निर्माण कार्य लोगों की भावना से जुड़ा हो, तभी उसका वास्तविक उद्देश्य पूरा होगा।” उन्होंने कहा कि विकास केवल ढांचे बनाने तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि उसमें स्थानीय पहचान, संस्कृति और सामुदायिक सहभागिता का समावेश होना चाहिए।
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि “जनभावनाओं की उपेक्षा या परियोजना में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” उन्होंने जोर दिया कि राज्य सरकार पारदर्शी शासन और जवाबदेही की नीति पर काम कर रही है।
बैठक में रही व्यापक भागीदारी
बैठक में जिलाधिकारी चम्पावत मनीष कुमार, जिलाधिकारी उधम सिंह नगर नितिन सिंह भदौरिया, अपर जिलाधिकारी कृष्णा नाथ गोस्वामी, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जी.एस. खाती, सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि यह परियोजना टनकपुर और चम्पावत को विकास की नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी।
शारदा कॉरिडोर परियोजना उत्तराखंड सरकार के उस विज़न का प्रतीक है, जो आस्था और विकास के संतुलन पर आधारित है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इस पहल से राज्य न केवल पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान बना रहा है, बल्कि स्थानीय जनता की आकांक्षाओं को भी वास्तविकता में बदलने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
यह परियोजना आने वाले वर्षों में उत्तराखंड के सीमांत जिलों को संस्कृति, श्रद्धा और आर्थिक समृद्धि के नए केंद्र के रूप में स्थापित कर सकती है।



