
देहरादून। चारधाम यात्रा 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा किए गए अभूतपूर्व प्रयास रंग ला रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अब तक 5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य जांच कर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देशन में इस बार यात्रा मार्ग पर त्रिस्तरीय स्वास्थ्य प्रणाली लागू की गई है। चारधाम जिलों में 49 स्थायी स्वास्थ्य केंद्र और 20 मेडिकल रिलीफ पोस्ट सक्रिय हैं, जबकि ट्रांजिट ज़ोन में 57 स्क्रीनिंग कियोस्क लगाए गए हैं।
केदारनाथ धाम में इस बार 17 बेड का नया अस्पताल शुरू किया गया है। अब तक 31 विशेषज्ञ डॉक्टर, 200 मेडिकल ऑफिसर, 381 पैरामेडिकल स्टाफ और अतिरिक्त रोस्टर के 336 मेडिकल ऑफिसर और 420 पैरामेडिकल स्टाफ यात्रा मार्गों पर सेवाएं दे रहे हैं।
स्क्रीनिंग के दौरान अब तक 29 श्रद्धालुओं को यात्रा न करने की सलाह दी गई है जबकि 369 श्रद्धालुओं को एंबुलेंस और 33 को हेली सेवा से रेफर किया गया है।
डिजिटल हेल्थ ट्रैकिंग और ट्रेनिंग अभियान
‘ई-स्वास्थ्यधाम’ पोर्टल और 50 टैबलेट्स के माध्यम से सभी स्वास्थ्य डेटा को रीयल टाइम ट्रैक किया जा रहा है। होटल, धर्मशालाओं, खच्चर चालकों और कुलियों को भी प्रशिक्षित किया गया है ताकि वे हाई रिस्क लक्षणों की पहचान कर सकें।
154 एंबुलेंस और हेली सेवा तैनात
यात्रा मार्ग पर 154 एंबुलेंस, जिनमें 82 स्वास्थ्य विभाग की और 72 “108 NAS” सेवा की, लगातार संचालित हैं। इस वर्ष हेली एंबुलेंस सेवा की शुरुआत भी की गई है, जिसे एम्स ऋषिकेश के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।
डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा, “हमारी प्राथमिकता केवल दर्शन ही नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं की सुरक्षित वापसी भी है।”