शेयर बाजार में मोटे मुनाफे का झांसा देकर सेवानिवृत्त प्रोफेसर से 2.89 करोड़ की ठगी, नोएडा पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

नोएडा/मुंबई: देशभर में साइबर ठगों की हिम्मत बढ़ती जा रही है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के नोएडा से सामने आया है, जहां शेयर बाजार में 30% मुनाफे का लालच देकर सेवानिवृत्त प्रोफेसर से 2.89 करोड़ रुपये की ठगी की गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
उधर, मुंबई में भी एक महिला से 7.88 करोड़ रुपये की ऐसी ही ठगी का मामला दर्ज हुआ है। दोनों घटनाएं दर्शाती हैं कि व्हाट्सएप और सोशल मीडिया के जरिए साइबर फ्रॉड का नेटवर्क तेजी से बढ़ रहा है।
🔹 नोएडा: फर्जी फंड मैनेजर ने 2.89 करोड़ हड़पे
नोएडा सेक्टर-36 में रहने वाले सेवानिवृत्त प्रोफेसर रामकृष्ण शिवपुरी को 1 अप्रैल को व्हाट्सएप पर एक संदेश मिला, जिसके बाद फोन कॉल आई। कॉलर ने अपना नाम कीर्ति सर्राफ बताया और खुद को कोलकाता स्थित एबोट वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी की फंड मैनेजर बताया।
पुलिस उपायुक्त (साइबर अपराध) प्रीति यादव ने बताया कि आरोपी ने प्रोफेसर को शेयर बाजार में निवेश के एवज में 24 घंटे में 25 से 30 फीसदी रिटर्न का झांसा दिया। कुछ दिन तक बातचीत के बाद उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया, जहाँ निवेश से जुड़ी फर्जी गतिविधियाँ दिखाई गईं।
इसके बाद आरोपी ने 21 से अधिक बार में प्रोफेसर से कुल 2.89 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए। जब पीड़ित ने निवेश की गई राशि को निकालने की कोशिश की, तो कर और शुल्क के नाम पर और पैसे मांगे गए। शुरुआत में कुछ रकम लौटाई गई, जिससे भरोसा बना रहा। मगर जैसे ही डिमांड बढ़ी, प्रोफेसर को साइबर ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई।
🔹 मुंबई में भी बुजुर्ग महिला से 7.88 करोड़ की ठगी
नोएडा की घटना से पहले मुंबई के बांद्रा क्षेत्र में एक 62 वर्षीय महिला से भी शेयर निवेश के नाम पर 7.88 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई थी।
पश्चिम क्षेत्र साइबर पुलिस स्टेशन के मुताबिक, महिला को व्हाट्सएप पर एक अजनबी नंबर से संदेश मिला। संदेश भेजने वाली ने खुद को एक प्रसिद्ध फाइनेंशियल सर्विस कंपनी के अधिकारी की सहायक बताया और महिला को फर्जी लाभ और निवेश स्कीमों का झांसा दिया।
ठगों ने महिला से दो महीने में किस्तों में करोड़ों रुपये ट्रांसफर करवा लिए। जब महिला ने रिटर्न की मांग की, तो जवाब देना बंद कर दिया गया। मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।
🔎 ठगी का पैटर्न और पुलिस की चेतावनी
साइबर अपराध विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसे मामलों में ठग पहले विश्वसनीय कंपनियों का नाम लेकर संपर्क करते हैं, फिर व्हाट्सएप ग्रुप या फर्जी ऐप के ज़रिए लाइव ट्रेडिंग का दिखावा करते हैं।
पुलिस का अलर्ट:
- किसी अनजान नंबर से आए निवेश प्रस्तावों से दूर रहें।
- व्हाट्सएप या सोशल मीडिया के माध्यम से भेजे गए लिंक न खोलें।
- किसी भी फंड ट्रांसफर से पहले कंपनी की वैधता की पुष्टि करें।
- निवेश से जुड़े निर्णय से पहले सेबी पंजीकृत वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।
- संदेह होने पर तुरंत cybercrime.gov.in या 1930 पर संपर्क करें।