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रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्टरी ने रचा इतिहास, 15,000वां रेल कोच बनाकर उत्पादन में रचा नया कीर्तिमान

नई दिल्ली/रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली स्थित मॉडर्न कोच फैक्टरी (MCF) ने भारतीय रेलवे के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ते हुए 15,000वां रेल कोच तैयार कर लिया है। यह उपलब्धि 15 दिसंबर को हासिल की गई, जिसकी जानकारी रेल मंत्रालय ने एक आधिकारिक प्रेस नोट के माध्यम से दी। इस उपलब्धि को भारतीय रेलवे के विनिर्माण क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है।

रेल मंत्रालय के अनुसार, एमसीएफ ने वित्तीय वर्ष 2025–26 में अब तक 1,310 कोचों का निर्माण कर लिया है, जो फैक्टरी की उत्पादन क्षमता, तकनीकी दक्षता और कर्मचारियों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।


भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण में अहम भूमिका

रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्टरी भारतीय रेलवे की उन चुनिंदा उत्पादन इकाइयों में शामिल है, जो देश के रेल ढांचे के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। यहां निर्मित कोच न केवल आधुनिक सुविधाओं से लैस होते हैं, बल्कि सुरक्षा, आराम और ऊर्जा दक्षता के उच्च मानकों को भी पूरा करते हैं।

एमसीएफ द्वारा तैयार किए गए कोच देशभर की प्रमुख ट्रेनों में लगाए जा रहे हैं, जिससे यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव मिल रहा है।


उत्पादन क्षमता में लगातार इजाफा

रेल मंत्रालय के अनुसार, मॉडर्न कोच फैक्टरी ने बीते वर्षों में अपनी उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि की है। जहां शुरुआती वर्षों में सीमित संख्या में कोच तैयार किए जाते थे, वहीं अब फैक्टरी हजारों कोच प्रतिवर्ष बनाने में सक्षम हो चुकी है।

वित्तीय वर्ष 2025–26 में अब तक 1,310 कोचों का निर्माण इस बात का प्रमाण है कि एमसीएफ समयबद्ध लक्ष्य हासिल करने के साथ-साथ गुणवत्ता से भी कोई समझौता नहीं कर रही है।


मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत को मजबूती

एमसीएफ की यह उपलब्धि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को भी मजबूती प्रदान करती है। आधुनिक तकनीक, स्वदेशी डिजाइन और कुशल मानव संसाधन के माध्यम से फैक्टरी ने यह सिद्ध किया है कि भारत रेल कोच निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन चुका है।

रेल मंत्रालय का कहना है कि स्वदेश में बने ये कोच न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा कर रहे हैं, बल्कि भविष्य में निर्यात की संभावनाओं को भी मजबूत कर रहे हैं।


रायबरेली को मिला औद्योगिक पहचान का लाभ

मॉडर्न कोच फैक्टरी ने रायबरेली जिले को एक नई औद्योगिक पहचान दी है। फैक्टरी के संचालन से—

  • स्थानीय युवाओं को रोजगार
  • सहायक उद्योगों को बढ़ावा
  • क्षेत्रीय आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि

जैसे सकारात्मक प्रभाव देखने को मिले हैं।

स्थानीय स्तर पर यह फैक्टरी न केवल रोजगार का बड़ा केंद्र बनी है, बल्कि तकनीकी कौशल विकास का भी माध्यम बन रही है।


उन्नत तकनीक और आधुनिक सुविधाएं

एमसीएफ में तैयार किए जा रहे कोचों में कई आधुनिक विशेषताएं शामिल हैं, जिनमें—

  • उन्नत ब्रेकिंग सिस्टम
  • बेहतर सस्पेंशन
  • फायर सेफ्टी फीचर्स
  • आरामदायक सीटिंग
  • ऊर्जा-कुशल लाइटिंग

शामिल हैं।

इन सुविधाओं के चलते भारतीय रेलवे यात्रियों के लिए सुरक्षित और आरामदायक यात्रा सुनिश्चित कर पा रही है।


कर्मचारियों की मेहनत का परिणाम

रेल मंत्रालय ने इस उपलब्धि के लिए मॉडर्न कोच फैक्टरी के अधिकारियों, इंजीनियरों और कर्मचारियों की सराहना की है। मंत्रालय के अनुसार, यह सफलता टीमवर्क, अनुशासन और सतत प्रयासों का परिणाम है।

फैक्टरी प्रबंधन का कहना है कि कर्मचारियों को आधुनिक प्रशिक्षण, सुरक्षित कार्य वातावरण और तकनीकी संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे उत्पादन की गुणवत्ता और गति दोनों में सुधार हुआ है।


भविष्य की योजनाएं

रेल मंत्रालय के संकेतों के अनुसार, आने वाले वर्षों में मॉडर्न कोच फैक्टरी की उत्पादन क्षमता को और बढ़ाने की योजना है। इसके तहत—

  • नई तकनीकों का समावेश
  • ऑटोमेशन का विस्तार
  • पर्यावरण-अनुकूल निर्माण प्रक्रियाएं

अपनाई जाएंगी।

इसका उद्देश्य भारतीय रेलवे की बढ़ती मांग को समय पर पूरा करना और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनना है।


भारतीय रेलवे के विकास में मील का पत्थर

15,000वां कोच तैयार करना केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि यह भारतीय रेलवे की विनिर्माण शक्ति और प्रबंधन क्षमता का प्रतीक है। यह उपलब्धि दर्शाती है कि भारतीय रेलवे अब तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ उत्पादन के क्षेत्र में भी विश्वस्तरीय मानकों को छू रही है।


निष्कर्ष

रायबरेली स्थित मॉडर्न कोच फैक्टरी द्वारा 15,000वां रेल कोच तैयार किया जाना भारतीय रेलवे के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। वित्तीय वर्ष 2025–26 में अब तक 1,310 कोचों का निर्माण यह साबित करता है कि एमसीएफ देश के रेल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में अग्रणी भूमिका निभा रही है।

यह उपलब्धि न केवल रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि रायबरेली और उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए भी मील का पत्थर साबित हो रही है। आने वाले समय में एमसीएफ से और भी बड़ी उपलब्धियों की उम्मीद की जा रही है।

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