
भारतीय जनता पार्टी के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ कोर्ट की अवमानना के आरोप में कार्यवाही की मांग उठाई गई है। इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट के एक एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड ने अटॉर्नी जनरल को पत्र लिखकर अनुमति मांगी है कि दुबे के खिलाफ अवमानना की प्रक्रिया शुरू की जाए।
दरअसल, कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट एक्ट, 1971 की धारा 15(b) के अनुसार, यदि किसी शख्स पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का आरोप लगता है, तो उसके खिलाफ मामला तभी चलाया जा सकता है जब अटॉर्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल की अनुमति प्राप्त हो। इसी कानूनी प्रावधान के तहत उक्त अधिवक्ता ने कार्रवाई के लिए औपचारिक तौर पर अनुमति मांगी है।
यदि अटॉर्नी जनरल इस पर सहमति देते हैं, तो अदालत की अवमानना की कार्रवाई औपचारिक रूप से आगे बढ़ाई जा सकती है। इस पूरे घटनाक्रम पर देश की न्यायिक और राजनीतिक हलकों में अब पैनी नजर बनी हुई है।