
नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम पर सहमति बनने के कुछ ही घंटों बाद शनिवार देर शाम जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों में फिर गोलीबारी और ड्रोन अटैक किए गए। हालांकि, रविवार सुबह स्थिति सामान्य है और फिलहाल किसी गोलीबारी या ड्रोन गतिविधि की सूचना नहीं है। सेना को अलर्ट पर रखा गया है और किसी भी हमले पर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
श्रीनगर और बड़गाम में ड्रोन हमले नाकाम, LOC पर फिलहाल शांति
शनिवार रात श्रीनगर और बड़गाम में लगातार ड्रोन हमलों की कोशिशें की गईं, जिनमें श्रीनगर एयरपोर्ट और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। रात 8:30 से 9:30 तक ड्रोन गतिविधि देखी गई, लेकिन भारतीय सेना ने सभी ड्रोन हवा में ही मार गिराए। रात 9:30 के बाद कोई भी ड्रोन एक्टिविटी सामने नहीं आई और श्रीनगर में ब्लैकआउट भी हटा लिया गया।
धार्मिक स्थलों को निशाना, एक BSF जवान शहीद
पाकिस्तान की ओर से धार्मिक स्थलों को निशाना बनाए जाने की घटनाएं भी सामने आई हैं। शनिवार को जम्मू के शंभू मंदिर और आवासीय क्षेत्रों में गोलीबारी की गई, जिससे नुकसान हुआ। श्रीनगर के शंकराचार्य मंदिर पर भी ड्रोन से हमला करने की कोशिश की गई, जिसे सुरक्षा बलों ने विफल कर दिया।
जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ के उपनिरीक्षक मोहम्मद इम्तियाज शहीद हो गए, जबकि सात अन्य जवान घायल हुए।
शनिवार शाम 5 बजे भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच सीजफायर पर सहमति बनी थी, लेकिन कुछ ही घंटों में पाकिस्तान ने इसे तोड़ दिया।
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने घोषणा की थी कि दोनों देशों ने जमीन, हवा और समुद्र में सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने का निर्णय लिया।
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे अमेरिका की मध्यस्थता का परिणाम बताया था, जिसे भारतीय अधिकारियों ने खारिज करते हुए कहा कि यह प्रत्यक्ष भारत-पाक बातचीत का परिणाम है।
सात मई को भारतीय सेना द्वारा पीओके में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाक के बीच यह सबसे गंभीर टकराव माना जा रहा है।
सीजफायर की घोषणा से पहले दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बना रही थीं।
भारत ने साफ किया है कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ जो दंडात्मक उपाय घोषित किए गए थे, उनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। इनमें सिंधु जल संधि को स्थगित करने की चेतावनी भी शामिल है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे।
भारत और पाकिस्तान के DGMOs की अगली बैठक 12 मई को दोपहर 12 बजे प्रस्तावित है। इस बीच भारत ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि आगामी आतंकी हमला युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा और जवाबी सजा पहले से कई गुना ज्यादा होगी।
बिहार में विपक्षी दल RJD ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पार्लियामेंट का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि पहलगाम हमले से लेकर सीजफायर तक की घटनाओं पर सरकार को देश को विश्वास में लेना चाहिए।