
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) जम्मू-कश्मीर में सक्रिय पाकिस्तान-समर्थित आतंकी संगठनों से जुड़े कम से कम 10 गिरफ्तार आतंकवादियों और उनके मददगारों (ओवर ग्राउंड वर्कर्स) से गहन पूछताछ कर रही है। सूत्रों के अनुसार, यह पूछताछ 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले से संबंधित अधिक जानकारी जुटाने के लिए आवश्यक है।
आतंकवाद-रोधी एजेंसी दो अन्य आतंकी सहयोगियों से भी पूछताछ कर रही है, जिन्हें सीआरपीएफ, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप, राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीमों ने 12 मार्च को बांदीपोरा के गुंडबल जंगल से पकड़ा था।
NIA का मुख्य उद्देश्य पहलगाम में 26 निर्दोष नागरिकों की जान लेने वाले इस आतंकी हमले में शामिल सभी व्यक्तियों की भूमिका और संलिप्तता की पूरी जानकारी हासिल करना है। एजेंसी पिछले दो महीनों में सुरक्षा बलों द्वारा गिरफ्तार किए गए कम से कम 10 आतंकवादियों और ओवर ग्राउंड वर्कर्स से पूछताछ कर पहलगाम हमले की कड़ियों को जोड़ने का प्रयास कर रही है।
रविवार को मामले की जांच अपने हाथों में लेने के बाद, NIA ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारियों सहित कम से कम दो टीमें गठित की हैं। इनमें से एक टीम प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ कर रही है, जबकि दूसरी टीम घटनास्थल का दौरा कर स्थानीय लोगों से बातचीत कर रही है।
इस बीच, गृह मंत्रालय ने NIA को इस जांच को प्राथमिकता के आधार पर तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया है। एजेंसी को जल्द से जल्द घटना पर एक विस्तृत रिपोर्ट (डोजियर) तैयार करने के लिए कहा गया है। NIA की टीमें, जो बुधवार से आतंकी हमले की जगह पर सक्रिय हैं, उन्होंने सबूतों की तलाश तेज कर दी है।
आतंकवाद निरोधी एजेंसी के एक आईजी, एक डीआईजी और एक एसपी की निगरानी में NIA की टीमें आतंकवादियों के तौर-तरीकों का पता लगाने के लिए एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स की बारीकी से जांच कर रही हैं। फोरेंसिक और अन्य विशेषज्ञों की सहायता से टीमों ने आतंकी साजिश को उजागर करने वाले कई महत्वपूर्ण सबूत पहले ही एकत्र कर लिए हैं। NIA की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि पहलगाम हमले में दक्षिण कश्मीर में सक्रिय ग्राउंड वर्कर्स के नेतृत्व वाले स्थानीय आतंकी मॉड्यूल की संलिप्तता थी।
पहलगाम आतंकी हमले की जांच में एक महत्वपूर्ण खुलासा हुआ है कि हमले का नेतृत्व करने वाला पाकिस्तानी आतंकवादी हाशिम मूसा पाकिस्तान के विशेष सेवा समूह (SSG) का पूर्व कमांडो है। ग्राउंड वर्कर्स से पूछताछ के दौरान मूसा के सैन्य पृष्ठभूमि और अन्य विवरण सामने आए हैं। मूसा पिछले साल 1 अक्टूबर को गांदरबल के गगनगीर में हुए आतंकी हमलों में भी शामिल था। पूछताछ में मूसा की कई अन्य आतंकी घटनाओं में संलिप्तता भी सामने आई है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, पहलगाम हमले को कम से कम चार आतंकवादियों ने अंजाम दिया था, जिनमें दो विदेशी और दो स्थानीय आतंकवादी शामिल थे।
जांच में यह भी सामने आया है कि आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के एक शीर्ष नेता ने मूसा को सुरक्षा बलों और गैर-स्थानीय लोगों पर हमले करने के लिए जम्मू-कश्मीर भेजा था। हमले में मूसा के साथ पाकिस्तान का अली भाई भी शामिल था। आदिल थोकर और आसिफ शेख नाम के दो स्थानीय आतंकवादियों की भी इस हमले में संलिप्तता पाई गई है। जांच से पता चला है कि ओवर ग्राउंड वर्कर्स ने पहलगाम हमला करने वाली टीम का मार्गदर्शन किया, उन्हें आश्रय और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई और संभवतः हमले में इस्तेमाल किए गए हथियारों के परिवहन में भी मदद की। NIA वर्तमान में हमले के बारे में और अधिक जानकारी जुटाने के लिए इन ग्राउंड वर्कर्स से गहन पूछताछ कर रही है।
सुरक्षा विशेषज्ञ ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बीके खन्ना ने कहा कि NIA पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे के असली मास्टरमाइंड का पता अवश्य लगाएगी। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में पहले ही हमले में शामिल कई नामों की ओर इशारा किया गया है और अब NIA निष्कर्षों की पुष्टि कर घटना की पूरी तस्वीर के साथ डोजियर तैयार करेगी। ब्रिगेडियर खन्ना के अनुसार, अलग-अलग टीमों का गठन एजेंसी को तेजी से जांच पूरी करने में निश्चित रूप से सहायक होगा।