
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपनी स्पॉट जांच रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हिंसा प्रभावित क्षेत्र में कई मानवाधिकार संबंधी चिंताओं को उजागर किया है. आयोग की जांच में पीड़ितों पर अत्याचार के कई मामले सामने आए हैं. रिपोर्ट में मानवाधिकारों का उल्लंघन का जिक्र भी किया गया है. आयोग ने अपनी ये जांच रिपोर्ट पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी को भेज दी है. NHRC ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आईं खबरों पर स्वत: संज्ञान लिया था. इस साल फरवरी में एनएचआरसी की एक टीम पश्चिम बंगाल के संदेशखाली पहुंची थी और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों के बारे में तथ्य जुटाने के लिए ग्रामीणों से बात की थी.
रिपोर्ट के अनुसार पीड़ित ग्रामीणों को हमले, धमकी, यौन शोषण, भूमि पर कब्जा और जबरन बिना पैसे के काम करना पड़ा. इन परिस्थितियों के कारण उन्हें संदेशखाली या राज्य से बाहर जाने पर मजबूर होना पड़ा. डर के माहौल से पीड़ितों के बच्चों के विकास और स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव. उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में बड़ी संख्या में लोगों ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर ‘जमीन हड़पने व यौन उत्पीड़न’ का आरोप लगाया है. एनएचआरसी ने पहले एक बयान में कहा था कि टीम का नेतृत्व आयोग का एक सदस्य करेगा और अधिकारी उसकी मदद करेंगे.