
नई दिल्ली, 9 अक्टूबर 2025 (सू. ब्यूरो): उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि राज्य अब औद्योगिक विकास और निवेश के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य उत्तराखंड को ‘इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली स्टेट’ बनाना है, जहां उद्योगों, निवेशकों और स्टार्टअप्स को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलें।
मुख्यमंत्री धामी गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित PHD चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) के 120वें वार्षिक सत्र में शामिल हुए। इस सत्र का विषय था — “भारत की एक विश्वसनीय वैश्विक साझेदार के रूप में उभरती भूमिका”।
इस मौके पर देशभर के प्रमुख उद्योगपतियों, उद्यमियों और नीति-निर्माताओं ने भारत की आर्थिक वृद्धि में राज्यीय योगदान पर विचार-विमर्श किया।
“भारत आज निवेश का सबसे भरोसेमंद गंतव्य”
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत आज ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ की नीति पर आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि —
“आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और आने वाले वर्षों में तीसरे स्थान पर पहुंचने का लक्ष्य लेकर बढ़ रहा है। विश्व भारत को अब केवल उपभोक्ता बाजार नहीं, बल्कि तकनीकी, उत्पादन और नवाचार के वैश्विक केंद्र के रूप में देख रहा है।”
उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के हालिया बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि “भारत 2028 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत का उद्योग जगत विश्व के हर निवेशक के लिए सबसे विश्वसनीय, सुरक्षित और तेज़ी से उभरता हुआ बाजार बन चुका है।
“3.56 लाख करोड़ के निवेश MoU, 1 लाख करोड़ पर कार्य शुरू”
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड ने वर्ष 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से ₹3.56 लाख करोड़ से अधिक के निवेश समझौते (MoUs) किए हैं, जिनमें से लगभग ₹1 लाख करोड़ के प्रस्तावों पर कार्य प्रारंभ हो चुका है।
उन्होंने कहा —
“हमने राज्य में निवेशकों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया है, जिससे लाइसेंसिंग और स्वीकृति की प्रक्रिया सरल, पारदर्शी और तेज़ हो गई है।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने उद्योगों को गति देने के लिए अब तक 30 से अधिक नीतियाँ लागू की हैं — जिनमें औद्योगिक नीति, लॉजिस्टिक नीति, स्टार्टअप नीति, MSME नीति और मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी प्रमुख हैं।
“यू-हब और ₹200 करोड़ वेंचर फंड स्टार्टअप्स को नई उड़ान देंगे”
धामी ने कहा कि उत्तराखंड में स्टार्टअप इकोसिस्टम को सशक्त करने के लिए सरकार ने दो प्रमुख पहलें शुरू की हैं —
- यू-हब (U-Hub) की स्थापना — 60 करोड़ रुपये की लागत से एक विश्वस्तरीय इनक्यूबेशन सेंटर, जहां युवा उद्यमियों को प्रशिक्षण, तकनीक और मेंटरशिप उपलब्ध कराई जाएगी।
- ₹200 करोड़ का वेंचर फंड — स्टार्टअप्स को पूंजी उपलब्ध कराने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए राज्य द्वारा स्थापित किया गया है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड अब स्टार्टअप इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे अभियानों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है। “आज उत्तराखंड का युवा न केवल नौकरी मांगने वाला, बल्कि नौकरी देने वाला बन रहा है,” उन्होंने कहा।
“राज्य में औद्योगिक पार्कों और टाउनशिप का तेजी से विकास”
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में कई बड़े औद्योगिक क्षेत्र और टाउनशिप विकसित किए जा रहे हैं —
- काशीपुर में अरोमा पार्क
- सितारगंज में प्लास्टिक पार्क
- काशीपुर में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर
- पंतनगर में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क
- किच्छा में 1000 एकड़ में स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप
इसके अलावा, रुद्रपुर, सेलाकुई और हरिद्वार में MSME उद्यमियों के लिए “प्लग एंड प्ले” फ्लैटेड फैक्ट्रियां तैयार की जा रही हैं।
धामी ने बताया कि उद्योग क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों के लिए “रेंट-बेस्ड एकोमोडेशन स्कीम” लाई जा रही है, ताकि उन्हें किफायती आवास उपलब्ध कराया जा सके।
“हाउस ऑफ हिमालयाज” से वैश्विक मंच पर पहुंचे उत्तराखंड के उत्पाद
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्थानीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुँचाने के लिए “हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड” के तहत अभियान चलाया जा रहा है।
इसके अंतर्गत राज्य के जैविक (ऑर्गेनिक) उत्पादों की GI टैगिंग की जा रही है, जिससे इन्हें वैश्विक पहचान मिल सके।
उन्होंने बताया कि महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पाद अब वैश्विक ब्रांड्स की श्रेणी में आ रहे हैं, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई मजबूती दे रहे हैं।
“ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तराखंड एचीवर्स स्टेट”
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी बनाया गया है।
“हमने 260 से अधिक व्यावसायिक सेवाओं को ऑनलाइन किया है। अब उद्यमियों को विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते, जिससे समय और लागत दोनों की बचत हो रही है।”
इन सुधारों के परिणामस्वरूप उत्तराखंड को “Ease of Doing Business” में Achievers State और “Startup Ranking” में Leaders State का दर्जा प्राप्त हुआ है।
“आपदा प्रबंधन पर वैश्विक शिखर सम्मेलन”
मुख्यमंत्री धामी ने घोषणा की कि 28 से 30 नवंबर 2025 तक देहरादून में विश्व आपदा प्रबंधन शिखर सम्मेलन (WSDM) आयोजित किया जाएगा।
इस वैश्विक सम्मेलन में विभिन्न देशों के नेता, वैज्ञानिक और विशेषज्ञ जलवायु परिवर्तन एवं आपदा प्रबंधन पर विचार-विमर्श करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस प्री-समिट का उद्देश्य “आपदाओं से निपटने में नवाचार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना” है।
“उत्तराखंड निवेश का भविष्य, भारत की प्रगति का इंजन”
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन के अंत में कहा —
“हम उत्तराखंड को देश का अग्रणी इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली स्टेट बनाने के अपने विकल्प-रहित संकल्प पर काम कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य स्पष्ट है — ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सीमम गवर्नेंस’ के सिद्धांत पर आधारित पारदर्शी, त्वरित और विश्वसनीय शासन।”
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निवेशकों, स्टार्टअप्स और MSMEs के लिए हर संभव सहयोग सुनिश्चित करेगी ताकि उत्तराखंड आने वाले वर्षों में भारत की औद्योगिक प्रगति का “ग्रोथ इंजन” बन सके।
कार्यक्रम में PHDCCI के अध्यक्ष हेमंत जैन, उपाध्यक्ष राजीव जुनेजा, पूर्व अध्यक्ष संजीव अग्रवाल, अनिल गुप्ता, और यूकॉस्ट के महानिदेशक दुर्गेश पंत सहित कई उद्योगपति, उद्यमी और नीति-निर्माता मौजूद रहे।