देशफीचर्ड

नई दिल्ली : दुनिया की सबसे लंबी नदी क्रूज गंगा विलास ने असम में प्रवेश किया

खबर को सुने

एमवी गंगा विलास आज सुबह लगभग 10:30 बजे भारत-बांग्लादेश सीमा पर जीरो पॉइंट पर पहुंचा, जिसके बाद यह 32 किमी आगे चलकर आज शाम 04:00 बजे धुबरी बंदरगाह पहुंचा। जीरो पॉइंट से पांडु बंदरगाह तक की यात्रा के दौरान सर्वेक्षण पोत एसएल सुबनसिरी द्वारा क्रूज पोत का अनुरक्षण किया जा रहा है।

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग और आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भारत के असम में धुबरी में गंगा विलास क्रूज जहाज के आगमन को पूर्वोत्तर भारत के परिवर्तन की दिशा में अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन में एक ‘ऐतिहासिक पल’ बताया। मंत्री ने इस ऐतिहासिक क्षण पर असम और पूर्वोत्तर के लोगों को बधाई दी, जो नदी पर्यटन की विशाल संभावनाओं को खोलने करने के लिए तैयार है, जिससे ब्रह्मपुत्र के किनारे के लोगों के लिए विकास का मार्ग खुलेगा।

इस अवसर पर बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “आज का दिन असम के लोगों और पूर्वोत्तर भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। गंगा विलास की सफल यात्रा से असम के व्यापार और वाणिज्य की महिमा को पुनः प्राप्त करने के हमारे प्रयास को जबरदस्त बढ़ावा मिला। विभाजन से पहले हमारा अंतर्देशीय जलमार्गों के माध्यम से फलते-फूलते व्यापार और वाणिज्य का इतिहास रहा है। संभावनाओं को वास्तविकता में बदलते ही गंगा विलास की सफल यात्रा ने संभावनाओं, अवसरों और वास्तविकताओं का एक नया द्वार खोल दिया है। परिवहन के माध्यम से परिवर्तन लाने के हमारे ओजस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी के दृष्टिकोण को साकार किया गया है क्योंकि गंगा विलास ने अपनी यात्रा के असम चरण में प्रवेश किया है। जहाज पर सवार पर्यटकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया गंगा और ब्रह्मपुत्र पर नदी क्रूज पर्यटन के उज्ज्वल दिनों की संभावना को प्रदर्शित करती है। हमारे देश के अंदरूनी हिस्सों में विकास लाने के लिए नदी प्रणालियों के हमारे समृद्ध अंतर संपर्क को फिर से सक्रिय करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अंतर्देशीय जल परिवहन का यह अद्भुत क्षण पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्रगति और विकास का द्वार खोलेगा, क्योंकि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के शक्तिशाली नेतृत्व में भारत के विकास के इंजन के रूप में आगे बढ़ने के लिए तैयार है।”

प्रधानमंत्री  नरेन्‍द्र मोदी ने 13 जनवरी, 2023 को वाराणसी से ऐतिहासिक क्रूज सेट को झंडी दिखाकर रवाना किया था और भारतीय राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के साथ-साथ बांग्लादेश से होते हुए अपनी यात्रा के 39वें दिन असम के धुबरी पहुंची। दुनिया की सबसे लंबी नदी क्रूज के रूप में वर्णित गंगा विलास द्वारा वाराणसी से बोगीबील यात्रा 1 मार्च, 2023 को पूरी होने वाली है, जब यह 51 दिन में डिब्रूगढ़ के बोगीबील पहुंचेगी।

धुबरी पहुंचने पर, जहाज को ब्रह्मपुत्र के किनारे लगाया गया और मेहमानों को इमिग्रेशन क्लीयरेंस के लिए एमवी प्रतिमा के माध्यम से धुबरी सीमा शुल्क बंदरगाह पर जेट्टी तक ले जाया गया। इस ऐतिहासिक यात्रा पर यात्रा करने वाले 28 पर्यटकों का स्वागत धुबरी के उपायुक्त के साथ-साथ भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के क्षेत्रीय निदेशक के साथ-साथ आईडब्ल्यूटी और सरकार के पर्यटन विभागों के अन्य अधिकारियों ने किया। पर्यटकों को जलपान दिया गया। उन्होंने असम के राजकीय पेय चाय के साथ परोसे जाने वाले स्थानीय व्यंजनों का आनंद लिया। क्षेत्र के कई स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) ने स्टाल लगाए जहां पर्यटकों ने जूट से बने उत्पादों, टेराकोटा से बने कलाकृतियों और कुहिला जैसे स्थानीय शिल्पों के व्यापक रूप प्रदर्शन को देखा। एक नृत्य मंडली ने पारंपरिक कोच राजबोंगशी नृत्य भी किया। पर्यटकों ने ब्रह्मपुत्र के किनारे एक आरामदायक शाम का आनंद लिया।

IMG_256

IMG_256
धुबरी शहर और उसके आसपास एक विस्तृत दौरा तैयार किया गया है जहां स्थानीय सांस्कृतिक विरासत, शिल्प और अन्य पर्यटक आकर्षणों को दिखाया जाएगा। पर्यटक टेराकोटा से बने कलाकृतियों के उत्पादन को देखने के लिए शिल्प के लिए प्रसिद्ध असारीकंडी गांव का दौरा करेंगे। विक्टोरिया पार्क की यात्रा के साथ गुरु तेग बहादुर साहिब जी की धार्मिक यात्रा और पवित्र पीपल के पेड़ के दर्शन की भी योजना बनाई गई है। गंगा विलास कल दोपहर के आसपास यानी, 18 फरवरी, 2023 को धुबरी से गोलपारा तक अपनी आगे की यात्रा फिर से शुरू करेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button