प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत के अमृत काल में पहले बजट ने विकसित भारत की आकांक्षाओं और संकल्पों को पूरा करने के लिए एक मजबूत नींव का निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि यह बजट वंचितों को वरीयता देता है और आकांक्षी समाज, गरीबों, गांवों और मध्यम वर्ग के सपनों को साकार करने का प्रयास करता है।
उन्होंने वित्त मंत्री और उनकी टीम को इस ऐतिहासिक बजट के लिए बधाई दी। प्रधानमंत्री ने पारंपरिक कारीगरों जैसे कि बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार और कई अन्य शिल्प को जानने वाले लोगों को राष्ट्र निर्माता कहा। प्रधानमंत्री ने कहा, “पहली बार, देश इन लोगों की कड़ी मेहनत और सृजन के सम्मानस्वरूप कई योजनाएं लेकर आया है। उनके लिए प्रशिक्षण, ऋण और बाजार संबंधी सहयोग की व्यवस्था की गई है। पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान यानी पीएम विकास करोड़ों विश्वकर्माओं के जीवन में बड़ा बदलाव लाएगा।”
प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने शहरों से लेकर गांवों में रहने वाली और कामकाजी महिलाओं से लेकर गृहणियों तक के लिए जल जीवन मिशन, उज्ज्वला योजना और पीएम आवास योजना आदि जैसे कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जो उन्हें सशक्त बनाएंगे और उनके कल्याण को सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर महिला स्वयं सहायता समूह, जोकि अपार क्षमता वाला एक क्षेत्र है, को और अधिक मजबूत किया जाए तो अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की जा सकती है। इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कि नए बजट में महिलाओं के लिए एक नई विशेष बचत योजना की शुरुआत के साथ महिला स्वयं सहायता समूहों में एक नया आयाम जोड़ा गया है, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह महिलाओं को विशेष रूप से साधारण परिवार की गृहणियों को मजबूत करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बजट सहकारी समितियों को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास की धुरी बनाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना बनाई है। इस बजट में नई प्राथमिक सहकारी समितियों के गठन की एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा भी की गई है। इससे खेती के साथ-साथ दूध एवं मछली उत्पादन के क्षेत्र का विस्तार होगा और किसानों, पशुपालन में संलग्न लोगों तथा मछुआरों को उनकी उपज के बेहतर दाम मिलेंगे।
प्रधानमंत्री ने डिजिटल भुगतान की सफलता को कृषि क्षेत्र में दोहराने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि यह बजट डिजिटल कृषि बुनियादी ढांचे की एक बड़ी योजना लेकर आया है।
उन्होंने बताया कि दुनिया अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष मना रही है और कहा कि भारत में कई नामों से कई प्रकार के मोटे अनाज मिलते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब मोटे अनाज दुनिया भर के घरों में पहुंच रहे हैं, तो इनकी विशेष पहचान जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा, “इस सुपरफूड को श्री-अन्न नाम से एक नई पहचान दी गई है।” उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि देश के छोटे किसानों और आदिवासी किसानों को देश के नागरिकों के लिए स्वस्थ जीवन के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी मिलेगी।
मोदी ने कहा कि यह बजट टिकाऊ भविष्य के लिए ग्रीन ग्रोथ, ग्रीन इकोनॉमी, ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रीन जॉब्स को एक अभूतपूर्व विस्तार देगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “इस बजट में, हमने प्रौद्योगिकी और नई अर्थव्यवस्था पर काफी जोर दिया है। आज का आकांक्षी भारत सड़क, रेल, मेट्रो, बंदरगाह और जलमार्ग जैसे हर क्षेत्र में आधुनिक अवसंरचना चाहता है। वर्ष 2014 की तुलना में बुनियादी ढांचे में निवेश 400 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है।” उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि बुनियादी ढांचे पर दस लाख करोड़ का अभूतपूर्व निवेश भारत के विकास को नई ऊर्जा और गति देगा। उन्होंने बताया कि इन निवेशों से युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे बड़ी आबादी को आय के नए अवसर मिलेंगे।
प्रधानमंत्री ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, जिसे उद्योगों के लिए ऋण सहायता और सुधारों के अभियान के माध्यम से आगे बढ़ाया गया है, पर भी प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहा, “एमएसएमई के लिए दो लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त ऋण गारंटी की व्यवस्था की गई है।” उन्होंने बताया कि अनुमानित कर की सीमा बढ़ाने से एमएसएमई को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि बड़ी कंपनियों द्वारा एमएसएमई को समय पर भुगतान की एक नई व्यवस्था की गई है।
प्रधानमंत्री ने 2047 के सपनों को साकार करने में मध्यम वर्ग की ताकत को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने मध्यम वर्ग को सशक्त बनाने के लिए पिछले वर्षों में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं जिससे ईज ऑफ लिविंग सुनिश्चित हुई है। उन्होंने कर की दरों में कमी के साथ-साथ प्रक्रियाओं के सरलीकरण, पारदर्शिता और तेजी पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमेशा मध्यम वर्ग के साथ खड़े रहने वाली हमारी सरकार ने उन्हें करों में भारी राहत दी है।”