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नई दिल्ली : स्थानीय स्तर पर राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराने का भी प्रयास किया जा रहा है – प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM MODI ) ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सांसद खेल महाकुंभ 2022-23 के दूसरे चरण का उद्घाटन किया। सांसद खेल महाकुंभ का आयोजन बस्ती जिले के सांसद श्री हरीश द्विवेदी द्वारा 2021 से किया जा रहा है। इस खेल महाकुंभ के दौरान कुश्ती, कबड्डी, खो-खो, बास्केटबॉल, फुटबॉल, हॉकी, वॉलीबॉल, हैंडबॉल, शतरंज, कैरम, बैडमिंटन, टेबल टेनिस आदि जैसे इनडोर और आउटडोर दोनों तरह के खेलों में विभिन्न प्रतिस्‍पर्धाओं का आयोजन किया जाता है। इनके अतिरिक्‍त, निबंध लेखन, पेंटिंग, रंगोली बनाने जैसी प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है।

इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बस्ती महर्षि वशिष्ठ की पुण्य भूमि है जो श्रम और साधना, तप और त्याग से बनी है। ध्यान और तपस्या से परिपूर्ण एक खिलाड़ी के जीवन की उपमा देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सफल खिलाड़ी अपने लक्ष्य पर केंद्रित होते हैं और अपने मार्ग की हर बाधा को पार करते हैं।

प्रधानमंत्री ने खेल महाकुंभ की व्‍यापकता की सराहना करते हुए आशा व्यक्त की कि इस तरह के आयोजनों के माध्यम से खेलों में भारत की पारंपरिक विशेषज्ञता को एक नया आयाम मिलेगा। उन्होंने बताया कि करीब 200 सांसद अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में इस तरह के खेल महाकुंभ का आयोजन कर चुके हैं। काशी से सांसद के रूप में श्री मोदी ने बताया कि वाराणसी में भी ऐसे आयोजन हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन कर सांसद नई पीढ़ी के भविष्य को आकार दे रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि इन खेलों के माध्यम से प्रदर्शन करने वाले एथलीटों को भारतीय खेल प्राधिकरण के तहत आगे के प्रशिक्षण के लिए चुना जा रहा है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 40,000 एथलीट खेल महाकुंभ में भाग ले रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने खो-खो के खेल को देखने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस खेल को हमारे देश की बेटियों ने बड़े कौशल, निपुणता और टीम भावना के साथ खेला हैं। प्रधानमंत्री ने इस खेल से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी और उनको अपनी शुभकामनाएं दीं।

सांसद खेल महाकुंभ में लड़कियों की भागीदारी के प्रमुख पहलू का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में बस्ती  के साथ-साथ सम्‍पूर्ण देश की बेटियां वैश्विक मंच पर अपनी प्रतिभा और कौशल का प्रदर्शन करेंगी। महिला अंडर-19 टी-20 क्रिकेट विश्व कप पर बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने टीम की कप्तान सुश्री शेफाली वर्मा की शानदार उपलब्धि का उल्‍लेख किया, जिन्होंने लगातार पांच चौके लगाए और आखिरी गेंद पर छक्का लगाते हुए एक ओवर में 26 रन बनाए। उन्होंने कहा  कि ऐसी प्रतिभा देश के कोने-कोने में है और सांसद खेल महाकुंभ इसे तलाशने और तराशने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

प्रधानमंत्री ने उस समय को याद किया जब खेलों को एक ‘पाठ्येतर’ गतिविधि माना जाता था और खेल को शौकिया अथवा एक सामान्‍य गतिविधि के रूप में जाना जाता था, ऐसी मानसिकता ने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया है। इसके कारण कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी अपनी क्षमता को हासिल नहीं कर पाए। पिछले 8-9 वर्षों में देश ने इस खामी को दूर करने और खेलों के लिए बेहतर माहौल बनाने के लिए कई पहल की हैं। इसके परिणामस्वरूप कई और युवा खेल को करियर के रूप में अपना रहे हैं। जनता को भी इससे फिटनेस, स्वास्थ्य, टीम बॉन्डिंग, तनाव से राहत, व्‍यावसायिक सफलता और व्यक्तिगत सुधार जैसे लाभ मिलते हैं।

खेलों को लेकर लोगों की सोच का उल्‍लेख हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बदलाव का प्रभाव देश की खेल उपलब्धियों में देखा जा सकता है। प्रधानमंत्री ने ओलंपिक और पैरालंपिक में देश के ऐतिहासिक प्रदर्शन का उदाहरण देते हुए कहा कि विभिन्न खेल क्षेत्रों में भारत का प्रदर्शन दुनिया में चर्चा का विषय बन रहा है। उन्होंने कहा कि खेलों को समाज में उचित प्रतिष्ठा मिल रही है। इसके परिणामस्वरूप ओलंपिक, पैरालंपिक और अन्य प्रतियोगिताओं में अभूतपूर्व प्रदर्शन हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है, हमें अभी लंबा मार्ग तय करना है। उन्‍होंने कहा कि खेल, कौशल और चरित्र है, यह प्रतिभा और संकल्प है। खेलों के विकास में प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि खिलाड़ियों को अपने प्रशिक्षण को परखने का मौका देने के लिए खेल प्रतियोगिताओं को जारी रखा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्न स्तरों और क्षेत्रों में खेल प्रतियोगिताएं खिलाड़ियों को उनकी क्षमता से अवगत कराती हैं जिससे उन्हें अपनी तकनीक विकसित करने में मदद मिलती है, साथ ही कमियों की पहचान करने और सुधार के अवसर मिलते है। युवा, विश्‍वविद्यालय और शीतकालीन खेल एथलीटों को सुधार करते रहने के कई मौके दे रहे हैं। खेलो इंडिया के माध्यम से 2500 एथलीटों को प्रति माह 50,000 की वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है। टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) के तहत करीब 500 ओलंपिक संभावित खिलाडि़यों को तैयार किया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण की जरूरत को ध्यान में रखते हुए कुछ खिलाड़ियों को 2.5 करोड़ से 7 करोड़ तक की सहायता मिली है।

प्रधानमंत्री ने खेल क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने में केंद्र सरकार की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे खिलाड़ियों के चयन में पर्याप्त संसाधन, प्रशिक्षण, तकनीकी ज्ञान, अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इस क्षेत्र में खेल के बुनियादी ढांचे में सुधार को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि बस्ती और ऐसे अन्य जिलों में स्टेडियम बनाए जा रहे हैं और प्रशिक्षकों की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि देश भर में एक हजार से अधिक खेलो इंडिया जिला केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें से 750 से अधिक केंद्र पूरे हो चुके हैं। देश भर के सभी खेल के मैदानों की जियो टैगिंग भी की जा रही है, ताकि खिलाड़ियों को ट्रेनिंग लेने में कोई दिक्कत न हो। उन्होंने बताया कि सरकार ने पूर्वोत्तर के युवाओं के लिए मणिपुर में एक खेल विश्वविद्यालय का निर्माण किया है और मेरठ, उत्तर प्रदेश में भी एक अन्य खेल विश्वविद्यालय का निर्माण किया जा रहा है। राज्य सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश के कई जिलों में छात्रावास भी चलाए जा रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि स्थानीय स्तर पर राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।

फिट इंडिया मूवमेंट के महत्व का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री (PM) ने कहा कि हर खिलाड़ी फिटनेस के महत्व को जानता है। योग को अपने दैनिक जीवन में शामिल करने का सुझाव देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि योग से तन भी स्वस्थ रहेगा और मन भी जागृत रहेगा और इसका फायदा आपको अपने खेल में भी मिलेगा। वर्ष 2023 को बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किए जाने पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों के पोषण में बाजरे की बड़ी भूमिका का उल्लेख किया। अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि हमारे युवा खेलों से सीखेंगे और देश को नई ऊर्जा प्रदान करेंगे।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सांसद हरीश द्विवेदी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

Mentioning the importance of the Fit India Movement, the Prime Minister said that every sportsperson knows the importance of fitness. Suggesting to include yoga in your daily life, the Prime Minister said that yoga will keep the body healthy and the mind awake and you will get its benefits in your sports as well. Highlighting that the year 2023 has been declared as the International Year of Millets, the Prime Minister mentioned the great role of millets in the nutrition of sportspersons. Concluding his address, the Prime Minister expressed confidence that our youth would learn from sports and provide new energy to the country.

Other dignitaries including Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath and MP Harish Dwivedi were also present on the occasion.

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