
बेंगलुरु: कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) ओम प्रकाश की चौंकाने वाली हत्या ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। रविवार को बेंगलुरु के HSR लेआउट स्थित उनके आवास से उनका शव खून से लथपथ हालत में बरामद किया गया। शुरुआती जांच में पुलिस ने हत्या के लिए किसी धारदार हथियार के इस्तेमाल की पुष्टि की है।
हत्या के वक्त घर में ओम प्रकाश की पत्नी, बेटी और एक तीसरा शख्स मौजूद था। पुलिस इन तीनों से पूछताछ कर रही है और प्रारंभिक साक्ष्यों के आधार पर पत्नी को मुख्य संदिग्ध मानकर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।
पुलिस के अनुसार, ओम प्रकाश के पेट और सीने पर धारदार हथियार से कई बार वार किए गए, जिससे अत्यधिक रक्तस्राव हुआ और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। चौंकाने वाली बात यह है कि घटना के तुरंत बाद घर के किसी भी व्यक्ति ने पुलिस को सूचना नहीं दी। मामले की जानकारी पड़ोसियों ने पुलिस को दी, जिसके बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे।
बेंगलुरु के एडिशनल पुलिस कमिश्नर विकास कुमार ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद पूर्व डीजीपी के बेटे से संपर्क किया गया है, और उसकी शिकायत के आधार पर प्राथमिकी (FIR) दर्ज की जाएगी। फिलहाल कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
68 वर्षीय ओम प्रकाश 1981 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और मूल रूप से बिहार के चंपारण जिले के रहने वाले थे। उन्होंने भूविज्ञान में एमएससी की डिग्री ली थी और 1 मार्च 2015 को उन्हें कर्नाटक का पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया था। वे एक अनुभवी और सम्मानित अधिकारी माने जाते थे।
सूत्रों के अनुसार, ओम प्रकाश और उनकी पत्नी के बीच पिछले कुछ समय से वैवाहिक मतभेद चल रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि दोनों के बीच आर्थिक मामलों को लेकर भी तनाव था। उनके दो संतानें—एक बेटा और एक बेटी हैं।
शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और पुलिस सभी संभावित एंगल से जांच में जुटी हुई है। वरिष्ठ अधिकारियों ने घटनास्थल का मुआयना किया है। मामला फिलहाल गंभीर घरेलू हिंसा और हत्या के बीच के किसी कारण से जुड़ा हुआ प्रतीत हो रहा है।