एक चुनाव विशेषज्ञ ने यह बात कही. “भारत में हो रहा इस साल का लोकसभा चुनाव खर्च के मामले में पिछले रिकॉर्ड तोड़ने और दुनिया का सबसे खर्चीला चुनाव होने जा रहा है”. चुनाव संबंधी खर्चों पर पिछले करीब 35 साल से नजर रख रहे गैर-लाभकारी संगठन ‘सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज’ (सीएमएस) के अध्यक्ष एन भास्कर राव ने दावा किया कि इस लोकसभा चुनाव में अनुमानित खर्च 1.35 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 2019 में खर्च किए गए 60,000 करोड़ रुपये से दोगुने से भी अधिक है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) ने हाल में भारत में राजनीतिक वित्तपोषण में पारदर्शिता की अत्यंत कमी की ओर इशारा किया था. उसने दावा किया कि 2004-05 से 2022-23 तक, देश के छह प्रमुख राजनीतिक दलों को कुल 19,083 करोड़ रुपये का लगभग 60 प्रतिशत योगदान अज्ञात स्रोतों से मिला, जिसमें चुनावी बॉन्ड से प्राप्त धन भी शामिल था. हालांकि, एडीआर ने इस लोकसभा चुनाव के लिए कुल चुनाव व्यय का कोई अनुमानित आंकड़ा पेश नहीं किया.