
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को कारोबारी और भगोड़े क्रिकेट प्रशासक ललित मोदी के भाई समीर मोदी को रेप के एक पुराने मामले में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, समीर मोदी को उस समय हिरासत में लिया गया जब वह दिल्ली से बाहर जाने की तैयारी में थे। एयरपोर्ट पर दबिश देकर उन्हें पकड़ा गया और फिर सीधे न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने लाया गया। बाद में उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां आगे की कार्रवाई पर निर्णय लिया गया।
पुराने मामले में हुई गिरफ्तारी
समीर मोदी की गिरफ्तारी एक लंबे समय से लंबित रेप केस से जुड़ी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला कई साल पुराना है और इसमें कानूनी प्रक्रिया लगातार चल रही थी। जांच पूरी होने और पर्याप्त साक्ष्य जुटने के बाद दिल्ली पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी को अंजाम दिया। हालांकि, इस केस से जुड़ी संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने फिलहाल ज्यादा डिटेल सार्वजनिक नहीं की है।
समीर मोदी कौन हैं?
समीर मोदी, ललित मोदी के छोटे भाई हैं। ललित मोदी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के संस्थापक रह चुके हैं और इस समय लंदन में भगोड़े के रूप में रह रहे हैं। समीर मोदी खुद एक बिज़नेसमैन हैं और उनका नाम कई कारोबारी गतिविधियों से जुड़ा है। परिवार की पहचान मुख्य रूप से मोदी एंटरप्राइजेज ग्रुप और अन्य अंतरराष्ट्रीय व्यापार से जुड़ी रही है। हालांकि, हाल के वर्षों में समीर मोदी का नाम कारोबारी सुर्खियों से ज्यादा कानूनी विवादों में सामने आता रहा है।
केस की अब तक की यात्रा
- यह मामला पहली बार दिल्ली पुलिस में कई साल पहले दर्ज हुआ था।
- शुरुआती जांच में कुछ गवाहों और पीड़िता के बयान दर्ज किए गए थे।
- लंबे समय तक समीर मोदी जांच में शामिल नहीं हुए और इससे केस लटकता रहा।
- दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल कर गिरफ्तारी वारंट की मांग की थी।
- आखिरकार गुरुवार को पुलिस ने उन्हें एयरपोर्ट से हिरासत में लेकर गिरफ्तारी की औपचारिक घोषणा की।
एयरपोर्ट से गिरफ्तारी क्यों अहम?
एयरपोर्ट से गिरफ्तारी यह दिखाती है कि पुलिस को आशंका थी कि समीर मोदी जांच से बचने के लिए देश छोड़ सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि उनके खिलाफ पहले से लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी था। ऐसे मामलों में अक्सर आरोपी विदेश भागकर जांच से बचने की कोशिश करते हैं। इस कारण पुलिस ने उनकी यात्रा पर पहले से निगरानी रखी थी।
कोर्ट में पेशी और आगे की कार्रवाई
गिरफ्तारी के तुरंत बाद समीर मोदी को स्थानीय अदालत में पेश किया गया। वहां पुलिस ने उन्हें रिमांड पर लेने की मांग की, ताकि केस से जुड़े कुछ और सवाल-जवाब किए जा सकें। अदालत ने मामले की गंभीरता और पुलिस की दलीलों को सुनने के बाद आगे की कानूनी प्रक्रिया तय की। फिलहाल इस पर आधिकारिक बयान आना बाकी है कि उन्हें कितने दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया।
ललित मोदी परिवार पर एक और कानूनी शिकंजा
यह मामला न सिर्फ समीर मोदी, बल्कि ललित मोदी परिवार पर भी एक और कानूनी शिकंजे के तौर पर देखा जा रहा है। पहले से ही ललित मोदी भारत में वित्तीय अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में वांछित हैं। अब उनके भाई की गिरफ्तारी से परिवार की साख पर और असर पड़ सकता है।
राजनीतिक हलकों में हलचल
समीर मोदी की गिरफ्तारी ने राजनीतिक चर्चाओं को भी हवा दी है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह मामला एक बार फिर मोदी परिवार और उनसे जुड़े कारोबारी नेटवर्क की “अंधेरी परतें” उजागर करता है। वहीं, सत्ता पक्ष ने इस पर सीधी प्रतिक्रिया देने से इनकार किया है।
समाजिक और कानूनी असर
भारत में रेप केस जैसे अपराधों को लेकर हाल के वर्षों में कानूनी ढांचा और सज़ाओं की सख्ती बढ़ी है। ऐसे में समीर मोदी जैसा बड़ा नाम इस मामले में जुड़ना समाज और कानून दोनों के लिहाज से अहम है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह केस एक हाई-प्रोफाइल ट्रायल में बदल सकता है, जहां देश की निगाहें अदालत की हर सुनवाई पर होंगी।