उत्तराखंड

दलाई लामा के 90वें जन्मदिवस पर देहरादून में कार्यक्रम, सीएम धामी ने दी शुभकामनाएं, की विकास योजनाओं की घोषणा

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देहरादून: तिब्बती धर्मगुरु परम पूज्य दलाई लामा के 90वें जन्मदिवस के अवसर पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के क्लेमेंटटाउन में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाग लेते हुए देशवासियों और तिब्बती समाज को शुभकामनाएं दीं और उनके आध्यात्मिक योगदान को विश्व मानवता के लिए अमूल्य बताया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महत्वपूर्ण विकास योजनाओं की घोषणा करते हुए कहा कि:

  • बुद्धा टेंपल मार्ग का चौड़ीकरण किया जाएगा
  • तिब्बती श्मशान घाट पर टिन शेड का निर्माण कराया जाएगा

“मेरा धर्म करुणा है” – सीएम ने दलाई लामा के संदेश को बताया विश्वगुरु की परिभाषा

मुख्यमंत्री धामी ने दलाई लामा जी के विचारों को आज के युग की सबसे बड़ी आवश्यकता बताया। उन्होंने कहा:

“परम पूज्य दलाई लामा जी ने हमेशा शांति, अहिंसा और करुणा का मार्ग दिखाया है। आज जब दुनिया युद्ध, संघर्ष और असहिष्णुता से जूझ रही है, तब उनकी शिक्षाएं और भी प्रासंगिक हो गई हैं।”

उन्होंने दलाई लामा का चर्चित कथन — “मेरा धर्म करुणा है” — उद्धृत करते हुए कहा कि यही विचार उन्हें विश्व का सच्चा आध्यात्मिक गुरु बनाता है।


तिब्बती समाज के साथ उत्तराखंड की ऐतिहासिक आत्मीयता

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड ने हमेशा से तिब्बती समुदाय को प्रेम, सम्मान और सुरक्षा दी है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार तिब्बती समाज के शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विकास में हर संभव सहयोग करती रहेगी।

उन्होंने कहा:

“हम तिब्बती समुदाय को केवल शरणार्थी नहीं, अपने आत्मीय साथी मानते हैं। उनकी संस्कृति, अनुशासन और सेवा भावना हमें भी प्रेरित करती है।”


सीएम ने की दीर्घायु की कामना

कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने परम पूज्य दलाई लामा के उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्रार्थना करते हुए कहा कि

“वे आने वाली पीढ़ियों को भी अपने आध्यात्मिक प्रकाश से मार्गदर्शन देते रहें, यही हमारी कामना है।”


कार्यक्रम में शामिल हुए प्रमुख गणमान्य

इस अवसर पर उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, विधायक विनोद चमोली, वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स, पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार, तथा तिब्बती समुदाय के वरिष्ठ प्रतिनिधि — सांगयम सोनम पालडन, डॉ. त्सावांग फुंटसोक, तेनजिंग चोएफेल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

समारोह में तिब्बती संस्कृति की झलक, धार्मिक अनुष्ठान, और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी आकर्षण का केंद्र रहीं।

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