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झारखण्ड : हमारा उद्देश्य बच्चों को भारतीय संस्कृति की विविधता से परिचित कराना है – प्रधानाचार्या पूजा मिश्रा

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झारखण्ड राज्य के राखाबनी, दुमका विकास विद्यालय में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर एक साथ कई पर्वों का हर्षोल्लास के साथ उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जयंती, स्प्रिंग डे, बिहू, बैसाखी और सरहुल पर्व का संयुक्त रूप से आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत विभिन्न त्योहारों के महत्व को बताने वाले बच्चों के प्रेरणादायक भाषणों से हुई। इसके बाद सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ हुईं, जिसमें बच्चों ने पारंपरिक वेशभूषा में बैसाखी के अवसर पर भांगड़ा, बिहू नृत्य और सरहुल नृत्य की सुंदर प्रस्तुतियाँ दीं। सभी बच्चे पीले रंग के परिधानों में सजे हुए थे, जिससे माहौल रंग-बिरंगा और आनंदमय हो गया।

बच्चों में बाबा साहेब अंबेडकर के जीवन के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु एक रोचक क्विज प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। इस क्विज के माध्यम से बच्चों को अंबेडकर जी के संघर्ष, उनके योगदान और भारतीय संविधान निर्माण में उनकी भूमिका के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली।

विद्यालय की प्रधानाचार्या पूजा मिश्रा ने इस अवसर पर कहा, “हमारा उद्देश्य बच्चों को भारतीय संस्कृति की विविधता से परिचित कराना है। इस प्रकार के आयोजनों से न केवल उनकी जानकारी बढ़ती है, बल्कि वे एकता, समरसता और विविधता का मूल्य भी समझते हैं। आज के समय में, जब दुनिया वैश्विक होती जा रही है, तब अपनी जड़ों से जुड़ना और सांस्कृतिक मूल्यों को समझना अत्यंत आवश्यक है। मैं सभी बच्चों और शिक्षकों को इस सुंदर आयोजन के लिए बधाई देती हूँ।”

इस विशेष कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने पूरे उत्साह और लगन के साथ भाग लिया। उन्होंने नृत्य, संगीत, नाटक और वेशभूषा के माध्यम से भारत की विभिन्न सांस्कृतिक परंपराओं को प्रस्तुत किया। हर प्रस्तुति में बच्चों की रचनात्मकता, आत्मविश्वास और सामूहिक प्रयास साफ़ दिखाई दे रहा था। दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से बच्चों का उत्साहवर्धन किया।

इस आयोजन की सफलता के पीछे शिक्षिकाओं — ज्योति पंडित, मिक्की मिश्रा, ऋतिका गुप्ता, रुचिका, नेहा भारती और कोंचिता सोरेन — की मेहनत, योजना और समर्पण का अहम योगदान रहा। उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने से लेकर बच्चों के अभ्यास सत्रों तक हर पहलू पर विशेष ध्यान दिया। बच्चों को मंच पर आत्मविश्वास से प्रस्तुति देने के लिए प्रेरित किया और उनका मार्गदर्शन किया।

कार्यक्रम के अंत में सभी ने एक साथ राष्ट्रगान गाकर इस सांस्कृतिक समारोह का समापन किया। यह आयोजन न केवल एक मनोरंजक अनुभव था, बल्कि यह विद्यार्थियों के लिए एक सीखने का अवसर भी बना, जिससे उन्हें भारतीय संस्कृति की गहराई को समझने और अपनाने का मौका मिला। निश्चित ही, यह दिन विद्यालय के इतिहास में एक प्रेरणादायक और यादगार अध्याय के रूप में दर्ज हो गया।

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