आगामी कांवड़ मेले को लेकर इंटरस्टेट समन्वय समिति की बैठक सम्पन्न, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने दिए सख्त निर्देश

हरिद्वार/देहरादून – आगामी कांवड़ मेले को सरल, सुखद और सुरक्षित बनाने को लेकर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में इंटरस्टेट समन्वय समिति की अहम बैठक सीसीआर सभागार, हरिद्वार में सम्पन्न हुई। बैठक में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से भाग लिया।
मुख्य सचिव बर्द्धन ने कहा कि कांवड़ मेला श्रद्धा और आस्था का उत्सव है और इसकी सफल व सुरक्षित आयोजन के लिए सभी संबंधित विभागों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने रियल टाइम डेटा साझा करने, तकनीक के अधिकतम उपयोग और संभावित खतरों से निपटने के लिए सुरक्षा इनपुट्स को साझा करने की आवश्यकता बताई।
उन्होंने निर्देश दिए कि—
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यात्रा मार्ग पर यातायात व्यवस्था चाक-चौबंद हो। 
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भेल पार्किंग की जरूरत के हिसाब से उपयोग किया जाए। 
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ढाबों और होटलों में सुरक्षा मानकों का पालन हो और रेट लिस्ट चस्पा की जाए। 
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कांवड़ की ऊंचाई 10 फीट से अधिक न हो, इसका पालन सुनिश्चित किया जाए। 
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शराब व मांस पर SOP का सख्ती से अनुपालन हो। 
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डीजे संचालकों को नोटिस देकर बाउंड डाउन किया जाए। 
डीजीपी दीपम सेठ ने कहा कि प्रत्येक आयोजन नई चुनौतियां लेकर आता है और इसके लिए सटीक और समय पर सूचनाएं साझा करना अनिवार्य है। उन्होंने अफवाहों के खंडन और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग पर भी बल दिया।
सचिव गृह शैलेश बगौली ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं और ट्रैफिक नियंत्रण के लिए सभी तैयारियों को समयबद्ध और व्यवस्थित रूप से लागू करने की बात कही।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि—
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विभिन्न राज्यों से आने वाले कांवड़ यात्रियों की संख्या का आकलन किया गया है। 
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ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग, पार्किंग व्यवस्था, आदि की समुचित तैयारी की जा रही है। 
बैठक के अहम निर्णय:
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सोशल मीडिया की सख्त मॉनिटरिंग की जाएगी। 
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रियल टाइम इनपुट्स सभी राज्यों से साझा किए जाएंगे। 
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उत्तराखंड, खासकर हरिद्वार, पार्किंग अपडेट उत्तर प्रदेश को समय-समय पर देगा। 
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अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही के लिंक साझा किए जाएंगे। 
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एनएसएस, एनसीसी, स्थानीय स्वयंसेवी संगठन भी सहयोग के लिए शामिल किए जाएंगे। 
बैठक में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे, जिनमें उत्तर प्रदेश से एडीजे भानु भास्कर, कमिश्नर मेरठ ऋषिकेश भास्कर यशोद, आईजी आरपीएफ पंकज गंगवार, और उत्तराखंड से आईजी निलेश भरणे, मेलाधिकारी सोनिका, आदि प्रमुख रहे।
उद्देश्य स्पष्ट है – कांवड़ मेला केवल श्रद्धा का पर्व नहीं, बल्कि प्रशासनिक समन्वय की उत्कृष्ट मिसाल भी बने।
 
				


