उत्तराखंडफीचर्ड

उत्तराखंड के पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रव्यापी पहचान दिलाने की पहल तेज़ — सल्ट विधायक ने मुख्यमंत्री धामी को भेंट किए स्थानीय उत्पाद

देहरादून, उत्तराखंड। उत्तराखंड सरकार द्वारा ‘लोकल टू ग्लोबल’ मिशन को गति देने के प्रयासों के बीच सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में एक विशेष मुलाकात चर्चा का केंद्र रही। सल्ट क्षेत्र के विधायक महेश सिंह जीना ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिष्टाचार भेंट की और इस दौरान उन्हें प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक कई पारंपरिक पहाड़ी उत्पाद भेंट किए। इनमें स्थानीय पहाड़ी सब्जियाँ, जैविक कृषि उत्पाद, पारंपरिक अनाज, हर्बल सामग्री और पहाड़ी क्षेत्रों में निर्मित प्राकृतिक खाद्य पदार्थ प्रमुख रूप से शामिल थे।

यह मुलाकात सिर्फ एक औपचारिक भेंट तक सीमित नहीं रही, बल्कि उत्तराखंड के ग्रामीण अर्थतंत्र, स्थानीय उत्पादन और पहाड़ी आजीविका को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संदेश के रूप में भी सामने आई।


मुख्यमंत्री धामी ने कहा — “औपचारिक भेंटों में स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दें”

मुख्यमंत्री ने विधायक जीना की इस पहल की प्रशंसा की और कहा कि उत्तराखंड के पारंपरिक उत्पाद न केवल सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा हैं बल्कि पहाड़ी अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी हैं। उन्होंने जोर दिया कि सरकारी, सामाजिक, संस्थागत और राजनीतिक मुलाकातों में Courtesy Gifts के रूप में स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देना उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को स्वावलंबन की ओर ले जाने का एक प्रभावी माध्यम है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा:

“हम सभी को औपचारिक भेंटों में स्थानीय, पारंपरिक और जैविक उत्पादों को अपनाना चाहिए। इससे न केवल हमारे उत्पादों को नई पहचान मिलेगी, बल्कि किसानों, महिला स्वयं सहायता समूहों, कारीगरों और छोटे उत्पादकों की आमदनी भी बढ़ेगी।”


स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा लाभ — किसानों से लेकर SHG समूहों तक को समर्थन

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले हजारों परिवार अपनी आजीविका पारंपरिक उत्पादन पर निर्भर करते हैं।
देशभर में बढ़ती जैविक और प्राकृतिक उत्पादों की मांग को देखते हुए उत्तराखंड के उत्पादों को बड़े बाजार मिल सकते हैं, बशर्ते:

  • ब्रांडिंग
  • पैकिंग
  • मार्केटिंग
  • और सरकारी–सामाजिक स्तर पर प्रोत्साहन

मजबूती से किया जाए।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने स्वयं कई अवसरों पर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की पहल की है और आगे भी यह नीति जारी रहेगी।


उत्तराखंड के ये पारंपरिक उत्पाद बना सकते हैं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान

विधायक जीना द्वारा भेंट किए गए उत्पाद राज्य की सांस्कृतिक और जैविक विविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तराखंड के ये उत्पाद वैश्विक बाजार में बड़ी संभावनाएँ रखते हैं:

  • मंडुवा (Finger Millet)
  • झंगोरा (Barnyard Millet)
  • भट्ट की दाल
  • कुल्थ, उरद जैसी पहाड़ी दालें
  • ऑर्गेनिक मसाले (हल्दी, लाल मिर्च, जखिया)
  • पारंपरिक अचार और हर्बल खाद्य सामग्री
  • गाय घी और जड़ी-बूटियों से बने उत्पाद
  • हस्तशिल्प एवं हाथकरघा वस्त्र

ये सभी उत्पाद सिर्फ पहाड़ी जीवनशैली का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि स्वास्थ्य, पोषण और गुणवत्ता के मामले में आज राष्ट्रीय स्तर पर पसंद किए जा रहे हैं।


‘लोकल टू ग्लोबल’ मिशन को मजबूत बनाने पर सरकार का जोर

मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर कहा कि उत्तराखंड सरकार स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने के लिए कई नीतियों पर काम कर रही है। इनमें शामिल हैं:

  • Cluster-based उत्पादन को बढ़ावा
  • SHGs को बाजार से जोड़ने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म
  • GI टैग और ब्रांडिंग पर फोकस
  • स्टार्टअप्स और युवा उद्यमियों के लिए प्रोत्साहन
  • Organic Uttarakhand की ब्रांड पहचान को मजबूत करना

उन्होंने कहा कि राज्य के पारंपरिक उत्पादों में वह क्षमता है, जो उन्हें राष्ट्रीय बाजार में एक मजबूत ब्रांड बना सकती है।


विधायक महेश सिंह जीना बोले — “स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना हमारी जिम्मेदारी”

विधायक जीना ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में प्रदेश में स्थानीय उत्पादों को नई पहचान और नए बाजार उपलब्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि:

“हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पहाड़ में रहने वाले लोग, जो पारंपरिक खेती और उत्पादन के माध्यम से जीवनयापन कर रहे हैं, उन्हें इसका उचित मूल्य मिले और उनका जीवन स्तर बेहतर हो।”

उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों को औपचारिक कार्यक्रमों में अपनाने से उनका प्रसार तेज होता है और यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है।


विशेषज्ञों की राय: उत्तराखंड के उत्पाद बदल सकते हैं ग्रासरूट अर्थव्यवस्था

कृषि और ग्रामीण विकास विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्रों के उत्पादों की अपनी विशिष्टता है।
यदि राज्य स्तर पर उन्हें एकसमान ब्रांड पहचान मिले, तो:

  • स्थानीय महिलाएँ
  • SHG समूह
  • किसान
  • और छोटे स्तर के उत्पादक

प्रत्यक्ष लाभ उठा सकते हैं। यह रोजगार, उद्यमिता और विकास के नए अवसरों को जन्म देगा।


निष्कर्ष

सल्ट विधायक द्वारा मुख्यमंत्री को भेंट किए गए पारंपरिक उत्पाद केवल एक शिष्टाचार भेंट नहीं, बल्कि उत्तराखंड की ग्रामीण समृद्धि, सांस्कृतिक पहचान और “लोकल टू ग्लोबल” दृष्टि को सशक्त बनाने का प्रतीक बनकर उभरे हैं।

मुख्यमंत्री धामी द्वारा दी गई अपील—कि सभी औपचारिक कार्यक्रमों में स्थानीय उत्पादों का सम्मानपूर्वक उपयोग हो—राज्य की आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था को नई गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button