डीएम देहरादून की पहल: स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण मिड-डे मील के लिए ₹89 लाख की योजना स्वीकृत, 2 सप्ताह में किया वादा पूरा

देहरादून | 4 जुलाई 2025: जिलाधिकारी सविन बंसल ने स्कूली बच्चों और भोजन माताओं के स्वास्थ्य और पोषण को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक पहल की है। मुख्यमंत्री की प्रेरणा से प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मिड-डे मील की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए डीएम ने 2 सप्ताह के भीतर ₹89 लाख की धनराशि स्वीकृत कर जिला योजना विशेष फंड से जारी कर दी है।
यह निर्णय उन 42 किचन-विहीन स्कूलों में किचन और स्टोररूम के निर्माण एवं मरम्मत के लिए लिया गया है, जहां मिड-डे मील अब तक बिना उचित व्यवस्था के बन रहा था। डीएम ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि एल्यूमीनियम बर्तनों में खाना बनता न दिखे, और स्टील व आयरन के बर्तनों का ही प्रयोग किया जाए।
प्रशासनिक प्रतिबद्धता से बनी “गारंटी”: स्थानीय महिलाओं को भी मिलेगा रोजगार
डीएम बंसल ने कहा कि “प्रशासन का कमिटमेंट ही गारंटी है”। उन्होंने इस योजना को मुख्यमंत्री की प्रेरणा और प्रभारी मंत्री के सहयोग से रिकॉर्ड समय में स्वीकृति दिलाई।
राज्य में पहली बार देहरादून जिला प्रशासन ने 50 अधिक छात्रसंख्या वाले स्कूलों में एक अतिरिक्त स्थानीय महिला की नियुक्ति की योजना बनाई है, जो भोजन माता की सहायक के रूप में काम करेगी। इससे स्थानीय महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा और मिड-डे मील की साफ-सुथरी, व्यवस्थित आपूर्ति सुनिश्चित होगी।695 जीर्ण-शीर्ण किचनों की मरम्मत भी योजना में शामिल
डीएम ने 695 विद्यालयों के जीर्ण-शीर्ण किचनों की मरम्मत को भी जिला योजना में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी विद्यालयों में गुणवत्तायुक्त और पौष्टिक मिड-डे मील प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि भोजन में प्रोटीन, कैलोरी, विटामिन और सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए.
1306 स्कूलों में पीएम पोषण योजना से लाभ, 70,000+ छात्र लाभान्वित
देहरादून जिले में वर्तमान में 1306 स्कूल पीएम पोषण योजना के अंतर्गत कवर किए गए हैं, जिनमें प्राथमिक स्तर पर 41,049 और उच्च प्राथमिक स्तर पर 29,618 छात्र—कुल मिलाकर 70,667 छात्र लाभान्वित हो रहे हैं।
इनमें से 638 विद्यालयों को अक्षय पात्र संस्था द्वारा संचालित केंद्रीकृत किचन से प्रतिदिन खाद्यान्न की आपूर्ति की जाती है। राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा निर्धारित साप्ताहिक मेन्यू के अनुसार, इन छात्रों को प्रोटीन और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
2118 भोजन माताएं कार्यरत, अब होगी सहायक भोजन माताओं की भी तैनाती
जिले के स्कूलों में वर्तमान में 2118 भोजन माताएं कार्यरत हैं। अब प्रशासन द्वारा अधिक छात्रसंख्या वाले स्कूलों में एक अतिरिक्त स्थानीय महिला को भोजन माता की सहायक के रूप में नियुक्त करने की पहल राज्य में पहली बार की जा रही है। डीएम ने स्पष्ट कहा कि यह “गुणवत्ता, स्वच्छता और पोषण” से कोई समझौता न करने की दिशा में ठोस कदम है.