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इंडिगो संकट गहराया: बड़े रूट्स पर हवाई किराए बेकाबू, दिल्ली–पटना 40 हजार और बेंगलुरु–दिल्ली 35 हजार पहुँचा

नई दिल्ली। इंडिगो एयरलाइन में अचानक बढ़े ऑपरेशनल संकट, बड़ी संख्या में उड़ानों के रद्द होने और शेड्यूल में भारी गड़बड़ी का सीधा असर देशभर के हवाई यात्रियों पर पड़ा है। प्रभाव यह है कि कई प्रमुख रूट्स पर टिकटों की कीमतें सामान्य से 3 से 5 गुना तक बढ़ गई हैं। त्योहारी व भीड़भाड़ के मौसम में पहले से ही महंगे किराए अब आसमान छूने लगे हैं, जिससे यात्रियों में नाराज़गी और चिंता लगातार बढ़ रही है।

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि यह हालात कुछ दिनों तक और बने रह सकते हैं, क्योंकि उड़ानें रद्द होने से सीटों की उपलब्धता अचानक घट गई है जबकि मांग लगातार बनी हुई है।


फ्लाइट कैंसिलेशन ने बिगाड़ी मांग–आपूर्ति की स्थिति

इंडिगो के तकनीकी और स्टाफिंग इश्यू के चलते सैकड़ों उड़ानें या तो कैंसिल हुई हैं या भारी देरी से चल रही हैं। एयरलाइंस के परिचालन में बाधा के बाद अन्य एयरलाइन्स पर अचानक दबाव बढ़ गया है। नतीजा यह हुआ कि उपलब्ध सीटें बेहद सीमित रह गईं और टिकटों के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गए।

ट्रैवल पोर्टल्स के अनुसार, कई रूट्स पर किराए 24 घंटे के भीतर 70% से 135% तक बढ़े हैं।


किराए हुए बे-काबू: बड़े रूट्स पर दाम 30–40 हजार के पार

इंडिगो संकट के बाद जो किराए सामने आए हैं, वे आम दिनों से कई गुना ज्यादा हैं। कुछ प्रमुख रूट्स का हाल इस प्रकार है:

रूट एयरलाइन उड़ान प्रकार किराया (₹ प्रति यात्री)
बेंगलुरु → नई दिल्ली एयर इंडिया (AI 2652) नॉन-स्टॉप (3 घंटे) ₹35,472
नई दिल्ली → पटना स्पाइसजेट (SG 176) नॉन-स्टॉप (1 घंटा 50 मिनट) ₹40,483
नई दिल्ली → पटना एयर इंडिया (AI 2645) नॉन-स्टॉप (1 घंटा 40 मिनट) ₹28,934
मुंबई → नई दिल्ली एयर इंडिया एक्सप्रेस (IX 6004) नॉन-स्टॉप (2 घंटे 20 मिनट) ₹24,999
मुंबई → नई दिल्ली स्पाइसजेट (SG 9814) नॉन-स्टॉप (2 घंटे 20 मिनट) ₹27,869
नई दिल्ली → मुंबई इंडिगो (6E 6051) नॉन-स्टॉप (2 घंटे 20 मिनट) ₹28,534
नई दिल्ली → मुंबई इंडिगो (6E 2033 / 6E 6712) 1 स्टॉप (4 घंटे 30 मिनट) ₹29,288

गौरतलब है कि दिल्ली–पटना रूट त्योहारों और छुट्टियों के समय संवेदनशील माना जाता है, लेकिन ₹40,000 से ऊपर का किराया अभूतपूर्व है।


क्या है अचानक बढ़ी कीमतों की मुख्य वजह?

1. इंडिगो का परिचालन संकट

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन होने के कारण इंडिगो के नेटवर्क में रुकावट आने से कई रूट्स पर सीटों की कमी हो गई है।

2. अन्य एयरलाइनों पर अतिरिक्त दबाव

इंडिगो की उड़ानें कम होने से स्पाइसजेट, एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस और विस्तारा की उपलब्ध सीटें तेजी से भर गईं।

3. मांग–आपूर्ति में असंतुलन

कम सीटें + अचानक बढ़ी यात्रियों की संख्या = किराया तेजी से बढ़ा।

4. डायनेमिक प्राइसिंग सिस्टम

एयरलाइंस की एल्गोरिदम आधारित प्राइसिंग में सीटें घटने पर किराया स्वतः बढ़ जाता है।


यात्री परेशान: “ऐसा कभी नहीं देखा”

यात्रियों का कहना है कि पिछले कई वर्षों में उन्होंने दिल्ली–पटना जैसे रूट पर इतना महंगा किराया कभी नहीं देखा। कई लोग सोशल मीडिया पर शिकायत कर रहे हैं कि एयरलाइंस संकट की स्थिति का फायदा उठा रही हैं।

एक पैसेंजर ने लिखा:
“दिल्ली से पटना का टिकट 40 हजार! विदेश जाना इससे सस्ता पड़ जाएगा।”


सरकार क्या कदम उठा सकती है?

विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि स्थिति दो–तीन दिनों में सामान्य नहीं होती है, तो सरकार निम्न कदम उठा सकती है:

  • DGCA द्वारा एडवाइजरी जारी
  • अन्य एयरलाइनों को अतिरिक्त उड़ानें जोड़ने के निर्देश
  • किराया नियंत्रण पर चर्चा (कैप रेंज)
  • कैंसिलेशन और रिफंड नियमों की समीक्षा

हालांकि वर्तमान में सरकार और DGCA स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।


इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?

एविएशन विश्लेषकों का कहना है कि:

  • इंडिगो के नेटवर्क की स्केल इतनी बड़ी है कि उसके किसी भी ऑपरेशनल डिस्टर्बेंस का असर पूरे देश के रूट मैप पर पड़ता है।
  • जब तक एयरलाइन 100% क्षमता पर वापस नहीं आती, किराए स्थिर होना कठिन है।
  • यह स्थिति अगले 48–72 घंटों में सुधर सकती है, यदि परिचालन सामान्य होने लगे।

यात्रियों के लिए क्या विकल्प?

यदि कोई यात्री तत्काल यात्रा से बच सकता है, तो अगले 2–3 दिनों में स्थिति स्थिर होने तक बुकिंग टालना बेहतर है।

  • फ्लेक्सी डेट विकल्प चुनें
  • रूट बदलकर यात्रा करने पर किराया कम मिल सकता है
  • सुबह बहुत जल्दी या देर रात की उड़ानें अपेक्षाकृत सस्ती
  • एयरलाइन ऐप्स में अलर्ट सक्रिय रखें

निष्कर्ष

इंडिगो संकट ने भारतीय विमानन क्षेत्र पर बड़ा असर डाला है, और इसका सबसे सीधा प्रभाव यात्रियों की जेब पर पड़ा है। कई रूट्स पर किराए सामान्य से कई गुना बढ़ चुके हैं। अब निगाहें इस बात पर हैं कि एयरलाइन कितनी जल्दी अपनी उड़ान सेवाएं सामान्य करती है और क्या DGCA किराया नियंत्रण को लेकर कोई कदम उठाती है।

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