प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी डॉ. राजगोपाला चिदम्बरम ने भारत के परमाणु परीक्षणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वह भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार और भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष थे. उन्होंने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) के निदेशक के रूप में भी कार्य किया. वह उन तीन भारतीय वैज्ञानिकों में से एक हैं, जिन्होंने भारत के परमाणु हथियार कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. अन्य दो डॉ. होमी भाभा और डॉ. राजारामन्ना हैं. मिडिया से बातचीत में डॉ. चिदंबरम ने कहा कि ‘भारत को और परमाणु परीक्षण करने की जरूरत नहीं है’.
उन्होंने आगे कहा कि- कोई अन्य देश परीक्षण नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमें परीक्षण करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हम एक किलोटन से कम के न्यूक्लियर डिवाइस से लेकर 200 किलोटन तक का निर्माण कर सकते हैं. और याद रखें 10-15 किलोटन से कम के न्यूक्लियर डिवाइस ने हिरोशिमा और नागासाकी में एक किलोमीटर के दायरे को नष्ट कर दिया. डॉ. चिदंबरम ने कहा कि मुझे आशा है कि कोई भी परमाणु हथियार का उपयोग नहीं करेगा और सौभाग्य से हिरोशिमा और नागासाकी में अमेरिका के बाद से किसी अन्य देश ने इसका उपयोग नहीं किया है. लेकिन प्रतिरोध वह है जो हम चाहते हैं और वह हमें अब मिल गया है.