देश

“मैं जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खतरे से निपटने में सीएपीएफ/पुलिस बलों और सेना के बीच बेहतर तालमेल की सराहना करता हूं-राजनाथ सिंह

खबर को सुने

सेना कमांडरों का वर्ष 2024 का दूसरा सम्मेलन 10 अक्टूबर, 2024 को गंगटोक के एक अग्रिम सैन्य स्थान पर अलग-अलग (हाइब्रिड) प्रारूप में शुरू हुआ। अग्रिम सैन्य स्थान पर वरिष्ठ कमांडरों के सम्मेलन का आयोजन जमीनी स्तर की वास्तविकताओं पर भारतीय सेना के ध्यान केंद्रित करने को रेखांकित करता है। इस दौरानभारतीय सेना के शीर्ष कमांडरों ने मौजूदा सुरक्षा परिदृश्योंसीमाओं और भीतरी इलाकों में स्थिति और वर्तमान सुरक्षा तंत्र के समकक्ष चुनौतियों के सभी पहलुओं पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया। सम्मेलन में सैन्य संगठनात्मक पुनर्गठनरसदप्रशासन और मानव संसाधन प्रबंधन से संबंधित मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। सम्मेलन के दूसरे दिन का मुख्य आकर्षण माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा भारतीय सेना के वरिष्ठ कमांडरों को दिया गया संबोधन थाजिससे पहले “क्षेत्र में सुरक्षा गतिशीलता: चुनौतियां और इससे निपटने के उपायों” पर एक संक्षिप्त चर्चा हुई। गंगटोक में खराब मौसम के कारण माननीय रक्षा मंत्री ने सुकूना में सैन्य प्रतिष्ठान से वर्चुअल मोड में अपना संबोधन दिया।

रक्षा मंत्री ने भारतीय सेना में पूरे देश के विश्वास को दोहराया और कहा कि यह देश के सबसे भरोसेमंद और प्रेरणादायक संगठनों में से एक है। उन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा करने और आतंकवाद से लड़ने के अलावा किसी भी समय नागरिक प्रशासन को सहायता प्रदान करने में सेना द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला। रक्षा मंत्री ने देश सेवा में प्रत्येक सैनिक के योगदान की सराहना की और राष्ट्र की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने सेना कमांडर सम्मेलन में हिस्सा लेने पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और राष्ट्र तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘रक्षा और सुरक्षा‘ दृष्टिकोण को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने के लिए सैन्य नेतृत्व की सराहना की। रक्षा मंत्री ने कहा कि वह पिछले 5 वर्षों से सेना कमांडर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने सराहना करते हुए कहा कि यह शीर्ष सैन्य नेतृत्व न केवल सशस्त्र बलों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए भी फायदेमंद हैं। उन्होंने अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के समावेश और इसके प्रति अनुकूलन पर भारतीय सेना के दृष्टिकोण की भी सराहना की।

रक्षा मंत्री ने विश्व की वर्तमान जटिल और अस्पष्ट स्थिति पर जोर दियाजो वैश्विक स्तर पर सभी को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि भविष्य में युद्ध के अलग-अलग स्वरूप होंगे और यह बात दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जारी सैन्य संघर्षों से भी स्पष्ट है। इसके लिए सशस्त्र बलों को रणनीति और योजना बनाते समय इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए। हमें वैश्विक घटनाओंवर्तमान और अतीत में हुई घटनाओं से सीख लेते रहना चाहिए ताकि नुकसान को रोका जा सके। हमारे लिए जरूरी है कि हम सतर्क रहेंनियमित रूप से आधुनिकीकरण करें और विभिन्न आकस्मिक स्थितियों से निपटने के लिए लगातार तैयार रहें।”

रक्षा मंत्री ने देश की उत्तरी सीमाओं की मौजूदा स्थिति पर टिप्पणी करते हुए किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सेना पर पूरा भरोसा जतायालेकिन यह भी कहा कि  शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत सभी स्तरों पर जारी रहेगी। रक्षा मंत्री ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के प्रयासों की सराहना कीजिसके कठिन परिस्थितियों में काम करते रहने से पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर सड़क संचार में जबरदस्त सुधार हुआ है और यह सुधार जारी रहना चाहिए।

राजनाथ सिंह ने देश की पश्चिमी सीमाओं पर स्थिति का उल्लेख करते हुए सीमा पार आतंकवाद से निपटने में भारतीय सेना की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि शत्रु की ओर से अभी भी छद्म युद्ध जारी है। रक्षा मंत्री ने कहा, “मैं जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खतरे से निपटने में सीएपीएफ/पुलिस बलों और सेना के बीच बेहतर तालमेल की सराहना करता हूं। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में समन्वित अभियान इस क्षेत्र में स्थिरता और शांति बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं। हाल ही में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हुए चुनावों में यह स्पष्ट हुआ है और इसके लिए मैं एक बार फिर भारतीय सेना की सराहना करता हूं।”

रक्षा मंत्री ने सेना की उच्च स्तरीय परिचालन तैयारियों और क्षमताओं की सराहना कीजिसका अनुभव वह हमेशा अग्रिम क्षेत्रों की अपनी यात्राओं के दौरान करते रहे हैं। उन्होंने मातृभूमि की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी वीरों को भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने विदेशी सेनाओं के साथ स्थायी सहयोगी संबंध बनाकर राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने के लिए सेना द्वारा सैन्य कूटनीति में किए गए महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। उन्होंने हाल ही में हुए ओलिंपिक खेलों 2024 में सेना के खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन के लिए भारतीय सेना की भी सराहना की। रक्षा मंत्री ने वर्षों से स्वच्छता अभियान में योगदान के लिए सेना और सशस्त्र बलों की सराहना करते हुए कहा कि इससे दूसरों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए।

रक्षा मंत्री ने जीवन के हर क्षेत्र में हो रही तकनीकी प्रगति पर जोर दिया और उन्हें उचित तरीके से आत्मसात करने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की। उन्होंने प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों और असैन्य उद्योगों के साथ मिलकर विशिष्ट तकनीकों को विकसित करने के लिए सेना के प्रयासों की सराहना की जो ‘स्वदेशीकरण के माध्यम से आधुनिकीकरण‘ या ‘आत्मनिर्भरता ‘ के लक्ष्य की ओर प्रगति की राह पर है। रक्षा मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भरता के माध्यम से प्रत्येक सैनिक के लिए हथियारों का आधुनिकीकरण सरकार का मुख्य केंद्रबिंदु है और सरकार इस दिशा में पूरी तरह से सशस्त्र बलों के साथ है।

उन्होंने अपने भाषण का समापन यह कहते हुए किया, “रक्षा कूटनीतिस्वदेशीकरणसूचना युद्धरक्षा अवसंरचना और सेना आधुनिकीकरण से संबंधित मुद्दों पर हमेशा ऐसे मंच पर विचार किया जाना चाहिए। युद्ध की तैयारी एक सतत प्रक्रिया होनी चाहिए और हमें उन अप्रत्याशित स्थितियों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिएजो कभी भी आ सकती हैं। हमें हमेशा अपने युद्ध कौशल और हथियार प्रौद्योगिकी को मजबूत करना चाहिएताकि जरूरत पड़ने पर हम प्रभावी रूप से काम कर सकें। राष्ट्र को अपनी सेना पर गर्व है और सरकार सुधारों एवं क्षमता आधुनिकीकरण के साथ सेना को आगे बढ़ने में सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है।”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button