ग्रेटर नोएडा: शारदा यूनिवर्सिटी की छात्रा ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में दो प्रोफेसरों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप

ग्रेटर नोएडा। शारदा यूनिवर्सिटी की बीडीएस सेकंड ईयर की एक छात्रा ने शुक्रवार शाम अपने हॉस्टल रूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना यूनिवर्सिटी परिसर स्थित मंडेला गर्ल्स हॉस्टल की है, जहां छात्रा ने 12वीं मंज़िल पर स्थित अपने कमरे में खुदकुशी की। मौके से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उसने दो प्रोफेसरों और यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
सुसाइड नोट में लगाया मानसिक उत्पीड़न का आरोप
मृतक छात्रा ने सुसाइड नोट में यह आरोप लगाया है कि दो फैकल्टी मेंबर्स और कॉलेज प्रबंधन ने उसे लंबे समय से मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। सूत्रों के अनुसार, छात्रा पर फर्जी हस्ताक्षर (फेक साइन) करने का आरोप लगाया गया था, जिससे वह अत्यधिक तनाव में थी।
पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद दो आरोपियों को हिरासत में लिया है, और उनसे पूछताछ जारी है। वहीं, छात्रा के परिजनों की शिकायत के आधार पर संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है।
छात्रों का विरोध प्रदर्शन, पुलिस से हुई नोकझोंक
घटना के बाद यूनिवर्सिटी के छात्रों में जबरदस्त आक्रोश फैल गया। छात्रों ने हॉस्टल परिसर में विरोध प्रदर्शन करते हुए पुलिस और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए। प्रदर्शन के दौरान छात्रों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई। छात्रों का कहना था कि मृतक छात्रा पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा था, जिससे वह मानसिक रूप से टूट चुकी थी।
हालांकि, मौके पर मौजूद पुलिस बल ने छात्रों को समझाकर शांत किया और हालात को नियंत्रण में लिया।
पुलिस का बयान
मामले पर एडीसीपी सुधीर कुमार ने कहा:
“18 जुलाई 2025 को थाना नॉलेज पार्क पुलिस को सूचना मिली कि शारदा विश्वविद्यालय के एक छात्रावास में एक छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और पंचायतनामा की कार्रवाई की। परिजन भी मौके पर मौजूद हैं। शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। दो संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।”
जांच के घेरे में यूनिवर्सिटी प्रबंधन
घटना के बाद एक बार फिर कॉलेज परिसरों में छात्रों की मानसिक स्थिति, फैकल्टी की जवाबदेही, और हॉस्टल प्रबंधन की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।
यह आत्महत्या न केवल एक संवेदनशील मुद्दा है, बल्कि शिक्षा संस्थानों में छात्रों की काउंसलिंग और सपोर्ट सिस्टम की भी पोल खोलती है।
एक होनहार छात्रा की आत्महत्या ने शारदा यूनिवर्सिटी और समूचे उच्च शिक्षा क्षेत्र को कठघरे में खड़ा कर दिया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या पुलिस जांच निष्पक्ष और तेज़ी से होगी, और क्या आरोपी दोषी पाए जाने पर उचित दंड भुगतेंगे।