
देहरादून: विकासखंड डोईवाला के अंतर्गत दूरस्थ ग्राम इठारना में सोमवार को आयोजित ‘सरकार जनता के द्वार’ बहुउद्देशीय शिविर ने ग्रामीणों को राहत देने में ऐतिहासिक पहल साबित की। जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में हुए इस शिविर में 35 से अधिक विभागों ने अपनी सेवाएं और योजनाओं की जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई। प्रशासन का स्पष्ट संदेश था—“अंतिम छोर पर रहने वाला भी शासन के लिए प्रथम व्यक्ति है।”
यह शिविर न केवल योजनाओं की जानकारी देने का माध्यम बना, बल्कि मौके पर ही समस्याओं का समाधान, प्रमाण पत्र जारी करने और लाभार्थियों को सहायता प्रदान करने के जरिए सरकारी तंत्र की सक्रियता को भी दर्शाता रहा।
जनता से सीधा संवाद: डीएम ने कहा—दूरस्थ क्षेत्र के हर नागरिक तक शासन पहुंचाना सर्वोच्च प्राथमिकता
शिविर के दौरान जिलाधिकारी सविन बंसल ने सबसे पहले ग्रामीणों से सीधे संवाद की पहल की। उन्होंने आमजन की समस्याओं, मांगों और अपेक्षाओं को विस्तार से सुना और संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
डीएम ने कहा,
“दूरस्थ क्षेत्रों में निवासरत बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे—हमारे लिए प्रथम व्यक्ति हैं। शासन की योजनाओं का लाभ इन तक पहुंचाना प्रशासन का मूल दायित्व है।”
उन्होंने आश्वस्त किया कि शिविर में प्राप्त सभी आवेदनों का ट्रैक रखा जाएगा और जिन मामलों का तत्काल निस्तारण संभव नहीं हो पाया है, उन्हें भी प्राथमिकता के आधार पर जल्द हल किया जाएगा।
35 से अधिक विभागों ने लगाया शिविर: योजनाओं की जानकारी और सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध
शिविर में स्वास्थ्य, शिक्षा, राजस्व, उद्यान, कृषि, समाज कल्याण, महिला सशक्तिकरण, रोजगार, खाद्य एवं आपूर्ति, जल संस्थान, जल निगम सहित 35+ विभागों ने स्टॉल लगाए। इन स्टॉलों पर न केवल जानकारी दी गई बल्कि मौके पर आवेदन भरे गए और कई सेवाएं तुरंत उपलब्ध कराई गईं।
विशेष रूप से—
- ग्राम पंचायत रानीपोखरी को कूड़ा निस्तारण वाहन की तत्काल स्वीकृति दी गई।
- मृत पशुओं के शव निस्तारण हेतु भूमि चिह्नित करने को राजस्व विभाग को निर्देश जारी हुए।
- ग्राम पंचायत गदुल में आधार और श्रम कार्ड बनाने हेतु विशेष कैंप लगाने के निर्देश भी मौके पर ही दिए गए।
योजनाओं के लाभार्थियों को मौके पर मिले लाभ: अनेक सेवाएं तुरंत जारी
शिविर में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाया। मौके पर ही सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन विशेष रूप से तैयार दिखाई दिया।
शिविर में जारी किए गए प्रमुख लाभ इस प्रकार रहे—
पहचान और दस्तावेज़ी सेवाएं
- 50 आधार कार्ड बनाए गए
- 64 छात्र-छात्राओं की रोजगार काउंसलिंग
- 2 जन्म/मृत्यु प्रमाणपत्र जारी
- 2 दिव्यांग प्रमाणपत्र जारी
स्वास्थ्य सेवाएं
- 180 से अधिक ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच
- 102 जनरल ओपीडी
- 15 गायनी ओपीडी
- 30+ रक्त परीक्षण
- 16 टीबी जांच
- 2 एक्स-रे किए गए
- 33 आयुष्मान कार्ड जारी
कृषि एवं पशुपालन
- 3 लाभार्थियों को 1.65 लाख रुपये के कृषि उपकरण वितरित
- 30 लाभार्थियों को पशु औषधियां
- उद्यान विभाग ने 12 लाभार्थियों को 50% अनुदान दिया
कल्याणकारी सहायता
- राशन कार्ड हेतु 6 आवेदन
- 11 नए गैस कनेक्शन आवेदन
- 2 महालक्ष्मी योजनांतर्गत किशोरी किट वितरित
- 3 लाभार्थियों को मौके पर पेंशन
- वृद्धजनों को समाज कल्याण विभाग द्वारा
132 सहायक उपकरण (46 लाभार्थियों को) वितरित
शिक्षा विभाग का नवाचार: बच्चों ने दिखाए नवोन्मेषी मॉडल
जीआईसी इठारना के स्टॉल पर पहुंचे जिलाधिकारी को बच्चों ने अपने प्रोजेक्ट्स की प्रस्तुति दी—
- अवनीश रावत ने मिश्रित कृषि मॉडल प्रस्तुत किया
- कनिष्का पुंडीर ने आपदा प्रबंधन एवं बचाव तकनीक से संबंधित प्रोजेक्ट प्रदर्शित किया
डीएम ने बच्चों की प्रशंसा करते हुए उन्हें नवाचार जारी रखने की प्रेरणा दी।
200 से अधिक शिकायतें दर्ज, अधिकांश का समाधान स्थल पर ही
शिविर में ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में अपनी समस्याएं प्रशासन के समक्ष रखीं।
- 200+ शिकायतें प्राप्त हुईं
- इनमें से अधिकांश का निस्तारण उसी समय कर दिया गया
- बाकी शिकायतों को अलग से पंजीकृत कर विभागों को त्वरित समाधान के लिए प्रेषित किया गया
ग्रामीणों ने मौके पर ही समस्याओं के हल होने पर संतोष जताया और शिविर को अत्यंत उपयोगी बताया।
प्रशासनिक टीम की पूरी मौजूदगी
शिविर में उच्च प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति ने इसकी गंभीरता और प्रभाव को बढ़ाया। मौके पर मौजूद प्रमुख अधिकारी—
- मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह
- उप जिलाधिकारी ऋषिकेश योगेश मेहर
- ग्रामीण विकास अभिकरण के निदेशक विक्रम सिंह
- मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार ढोंडियाल
साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधि और विभागाध्यक्ष भी उपस्थित रहे।
ग्रामीणों के लिए बड़ी राहत: ‘सरकार जनता के द्वार’ कार्यक्रम से बढ़ी उम्मीदें
दूरस्थ गाँव इठारना में आयोजित शिविर ने ग्रामीणों के सामने सरकारी सेवाओं की सुगमता का नया मॉडल प्रस्तुत किया। बिना इधर-उधर भटके, एक ही स्थान पर कई विभागों की सेवाएं मिलना ग्रामीणों के लिए राहत भरा अनुभव रहा। ग्रामीणों का कहना था कि—
“ऐसे शिविर हमारे लिए किसी त्योहार जैसे होते हैं, क्योंकि सरकार और अफसर खुद हमारे गांव आते हैं और हमारी सुनते हैं।”
निष्कर्ष
डोईवाला ब्लॉक के इठारना में आयोजित यह बहुउद्देशीय शिविर इस बात का उदाहरण बन गया कि यदि प्रशासन इच्छाशक्ति के साथ कार्य करे तो शासन की योजनाओं को अंतिम पंक्ति तक बैठे व्यक्ति तक पहुंचाना संभव है।
जिलाधिकारी सविन बंसल और उनकी पूरी टीम के प्रयासों ने यह सिद्ध किया कि सरकारी मशीनरी जब संवेदनशीलता और तत्परता के साथ काम करती है, तो जनविश्वास स्वतः ही मजबूत होता है।



