
आंदोलन कर रहे किसानों ने MSP पर केंद्र सरकार के दिए प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया है. किसानों ने ये भी साफ कर दिया कि 21 फरवरी को वो तय वक्त योजना के मुताबिक दिल्ली कूच करेंगे. किसान पिछले 8 दिन से आंदोलन कर रहे हैं. रविवार को सरकार के साथ चौथे दौरे की बातचीत हुई थी. सरकार के प्रस्ताव पर किसानों ने कहा कि सरकार ने कमरे के भीतर बातचीत में 5 फसलों पर MSP की गारंटी की बात कही थी, लेकिन बाहर आकर 4 फसल कहा. हालांकि किसानों ने कहा कि आगे भी बातचीत का दरवाजा खुला है. किसानों की मांग के समर्थन में आज यानी मंगलवार को हरियाणा के जिंद में खापों की महापंचायत होनी है. आज की महापंचायत में कोई बड़ा फैसला हो सकता है.
इधर पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर जमे किसानों ने कहा कि 21 फरवरी को शांति के साथ वो दिल्ली कूच करेंगे. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सरकार बाहर से एक लाख 75 हजार करोड़ का पाम ऑयल मंगवाती है. इतना पैसा किसानों को अगर दे दे तो सारी समस्या का हल निकल सकता है. किसान एमएसपी की कानूनी गारंटी के अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने, पुलिस मामलों को वापस लेने , 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 बहाल करने और 2020-21 के आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं.