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उपराष्ट्रपति चुनाव में बढ़ी सरगर्मी: पीएम मोदी ने कराया राधाकृष्णन का परिचय, विपक्ष भी बनाएगा रणनीति

एनडीए ने दिखाई एकजुटता, विपक्ष खड़गे के घर करेगा बैठक; 20 अगस्त को होगा नामांकन

नई दिल्ली, 19 अगस्त 2025 (नेशनल डेस्क): देश की राजनीति इन दिनों उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर गर्मा गई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष—दोनों ने अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने की कवायद शुरू कर दी है। मंगलवार को एनडीए संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन का औपचारिक परिचय सांसदों से कराया। दूसरी ओर विपक्षी दल भी सक्रिय हो गए हैं और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर बैठक कर रणनीति बनाने की तैयारी में हैं।

एनडीए की बैठक में राधाकृष्णन का परिचय

संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि सी.पी. राधाकृष्णन एक जमीनी और सहज नेता हैं, जो ओबीसी समाज से आते हैं और समाजसेवा से लेकर राजनीति तक हर स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं। पीएम ने कहा कि राधाकृष्णन का राजनीतिक अनुभव और सादगी उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बनाते हैं।

राधाकृष्णन तमिलनाडु की राजनीति से ताल्लुक रखते हैं और लंबे समय से भाजपा संगठन में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने लोकसभा सांसद के तौर पर भी कार्य किया है और पार्टी संगठन में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ संभाली हैं। एनडीए नेताओं का मानना है कि उनकी उम्मीदवारी दक्षिण भारत में राजनीतिक संतुलन बनाने और ओबीसी समाज को प्रतिनिधित्व देने की दृष्टि से अहम साबित होगी।

20 अगस्त को नामांकन

एनडीए के उम्मीदवार के तौर पर सी.पी. राधाकृष्णन 20 अगस्त को औपचारिक रूप से उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे। एनडीए खेमे में पहले ही एकजुटता का संदेश दिया जा चुका है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों के पास संसद में बहुमत होने के कारण राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है।

विपक्ष की रणनीति

दूसरी ओर विपक्षी खेमे में भी हलचल तेज है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर मंगलवार को महागठबंधन दलों की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त उम्मीदवार के नाम पर चर्चा होगी।

सूत्रों के अनुसार विपक्षी दलों की तरफ से तीन नामों पर मंथन चल रहा है—डीएमके के राज्यसभा सांसद तिरुचि सिवा, सी.एन. अन्नादुरै और महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी। हालांकि विपक्ष ने अब तक औपचारिक घोषणा नहीं की है। माना जा रहा है कि यदि सहमति बनती है तो विपक्ष एक संयुक्त उम्मीदवार के नाम की घोषणा जल्द कर सकता है।

चुनावी तस्वीर

राजनीतिक समीकरणों की बात करें तो उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए का पलड़ा भारी दिख रहा है। संसद में भाजपा और उसके सहयोगी दलों के पास स्पष्ट बहुमत है, जबकि विपक्षी खेमे की स्थिति बिखरी हुई है। विपक्ष की चुनौती यह होगी कि वह किस उम्मीदवार पर सहमति बनाता है और क्या वह एकजुटता दिखा पाएगा।

राजनीतिक महत्व

विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही उपराष्ट्रपति चुनाव का नतीजा तय माना जा रहा हो, लेकिन यह मुकाबला राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। विपक्ष अपनी एकजुटता का प्रदर्शन करना चाहता है, जबकि एनडीए दक्षिण भारत और ओबीसी समाज को यह संदेश देना चाहता है कि उनकी राजनीतिक हिस्सेदारी को प्राथमिकता दी जा रही है।

20 अगस्त को नामांकन दाखिल होने के साथ ही उपराष्ट्रपति चुनाव की औपचारिक प्रक्रिया तेज हो जाएगी। एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन का पलड़ा भले ही भारी दिख रहा हो, लेकिन विपक्ष किस नाम पर दांव लगाता है और कितना मजबूत चुनौती पेश कर पाता है, यह देखना दिलचस्प होगा।

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