 
						नई दिल्ली/गुवाहाटी: पूर्वोत्तर भारत और पश्चिम बंगाल रविवार शाम भूकंप के तेज झटकों से दहल उठे। रिक्टर स्केल पर 5.8 तीव्रता का पहला झटका शाम 4:41 बजे महसूस किया गया। इसके बाद लगातार तीन और आफ्टरशॉक्स ने लोगों में दहशत बढ़ा दी। असम के कई जिलों में दीवारें दरक गईं, छतें ढह गईं और घरों को नुकसान हुआ। उदालगुड़ी जिले में एक छात्रावास की छत ढहने से दो लड़कियां घायल हो गईं।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) ने बताया कि राहत और बचाव टीमें मौके पर तैनात हैं और नुकसान का आकलन जारी है।
⏱️ कब और कहां आए झटके?
विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तर-पूर्व भारत भूकंपीय दृष्टि से सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में आता है। रविवार को आए झटकों की श्रृंखला इसका ताजा उदाहरण है।
- पहला झटका: शाम 4:41 बजे, तीव्रता 5.8, केंद्र उदालगुड़ी।
- दूसरा झटका: शाम 4:58 बजे, तीव्रता 3.1, केंद्र उदालगुड़ी।
- तीसरा झटका: शाम 5:21 बजे, तीव्रता 2.9, केंद्र सोनितपुर।
- चौथा झटका: शाम 6:11 बजे, तीव्रता 2.7, केंद्र उदालगुड़ी।
झटकों की वजह से गुवाहाटी समेत कई जिलों में लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए।
🏚️ मकानों और संरचनाओं को भारी नुकसान
ASDMA की शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप के झटकों से कई मकान और इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं।
- उदालगुड़ी: छात्रावास की छत गिरने से दो छात्राएं घायल।
- अमगुड़ी: एक मकान की छत पूरी तरह ढही।
- सोनितपुर: दो मकान और एक दुकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त।
- विश्वनाथ, दरांग, नलबाड़ी और होजई: कई घरों की दीवारों में दरारें पड़ीं।
ग्रामीण इलाकों में बने कच्चे मकानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
🤝 पीएम मोदी ने की तुरंत प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय पूर्वोत्तर भारत के दो दिवसीय दौरे पर हैं। असम से कोलकाता पहुंचने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से फोन पर बातचीत की और भूकंप से जुड़े हालात की जानकारी ली। पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार हरसंभव मदद के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है, राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी हैं। प्रभावित इलाकों में असम पुलिस और SDRF की टीमें भी तैनात की गई हैं।
📞 हेल्पलाइन नंबर और सरकारी अलर्ट
राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। जिला प्रशासन ने आम लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से दूर रहें और किसी भी समस्या की स्थिति में तुरंत स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें।
मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में भी झटके महसूस किए गए, हालांकि वहां से नुकसान की बड़ी खबर नहीं है।
🌍 क्यों आता है पूर्वोत्तर में अक्सर भूकंप?
विशेषज्ञ बताते हैं कि पूर्वोत्तर भारत सीस्मिक ज़ोन 5 में आता है, जो सबसे खतरनाक श्रेणी है। यहां भारतीय टेक्टोनिक प्लेट और यूरेशियन प्लेट की टकराहट के कारण लगातार दबाव बनता है, जिसकी वजह से बार-बार भूकंप आते रहते हैं।
भूकंप विशेषज्ञों का मानना है कि इस क्षेत्र में 5 से 6 तीव्रता के भूकंप आम हैं और लोगों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए।
📊 पिछली बड़ी भूकंप घटनाएं
- 1950: असम भूकंप (8.6 तीव्रता) – 1,500 से ज्यादा मौतें।
- 2011: सिक्किम भूकंप (6.9 तीव्रता) – सैकड़ों लोग प्रभावित।
- 2021: तेजपुर (असम) में 6.4 तीव्रता का भूकंप।
रविवार का भूकंप भले ही जानलेवा न रहा हो, लेकिन यह याद दिलाता है कि पूर्वोत्तर हमेशा जोखिम में है।
🧑⚕️ घायलों का इलाज और राहत उपाय
उदालगुड़ी में घायल दोनों छात्राओं को नजदीकी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी हालत खतरे से बाहर है। स्थानीय प्रशासन ने अस्थायी आश्रयगृह तैयार किए हैं ताकि जिन लोगों के घरों में दरारें आई हैं, वे सुरक्षित जगह पर रह सकें।
🌐 सोशल मीडिया पर दहशत और प्रार्थनाएं
भूकंप के झटके लगते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने अपने अनुभव साझा किए। कई लोगों ने ट्वीट कर कहा कि झटके इतने तेज थे कि खिड़कियां और दरवाजे हिलने लगे। वहीं, स्थानीय नेताओं और समाजसेवियों ने लोगों से संयम बनाए रखने और एक-दूसरे की मदद करने की अपील की।
 
				


