
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) चुनाव 2025 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने शानदार जीत दर्ज की है। चार पदों पर हुए चुनाव में ABVP ने तीन सीटें अपने नाम कीं, जबकि कांग्रेस समर्थित NSUI को केवल उपाध्यक्ष पद मिला। इस तरह केंद्रीय पैनल की तस्वीर साफ हो गई है।
- अध्यक्ष पद – ABVP के आर्यन मान विजयी
- उपाध्यक्ष पद – NSUI के राहुल झांसला विजयी
- सचिव पद – ABVP के कुणाल चौधरी विजयी
- संयुक्त सचिव पद – ABVP की दीपिका झा विजयी
अध्यक्ष पद पर ABVP का जलवा
ABVP प्रत्याशी आर्यन मान ने अध्यक्ष पद पर बड़ी जीत दर्ज की। उन्होंने NSUI की उम्मीदवार जोसलिन नंदिता चौधरी को 16,196 वोटों के अंतर से हराया। यह जीत ABVP के लिए निर्णायक साबित हुई।
आर्यन ने जीत के बाद कहा—
“यह केवल मेरी जीत नहीं, बल्कि विचारधारा और छात्र शक्ति की जीत है। DUSU अब छात्रों की आवाज़ और राष्ट्र प्रथम की सोच का प्रतीक बनेगा।”
उपाध्यक्ष पद NSUI के खाते में
हालांकि उपाध्यक्ष पद पर NSUI ने जीत का परचम लहराया। उम्मीदवार राहुल झांसला ने 29,339 वोट हासिल कर ABVP के गोविंद तंवर को हराया, जिन्हें 20,547 वोट मिले। NSUI ने इसे छात्रों के बीच अपनी पकड़ का प्रमाण बताया।
सचिव और संयुक्त सचिव पद पर ABVP का कब्ज़ा
सचिव पद पर ABVP के कुणाल चौधरी ने NSUI प्रत्याशी कबीर को हराया। कुणाल को 23,779 वोट मिले और वे बड़े अंतर से विजयी हुए।
वहीं संयुक्त सचिव पद पर ABVP की दीपिका झा ने NSUI के लवकुश भड़ाना को पराजित किया। महिला प्रत्याशी की इस जीत ने परिषद के समर्थकों में उत्साह भर दिया।
SFI और AISA का खाता खाली
लेफ्ट विचारधारा से जुड़े स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) को इस बार भी निराशा हाथ लगी। दोनों ही संगठनों को एक भी सीट नहीं मिली।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष 2024 के DUSU चुनाव में NSUI ने सात साल बाद वापसी करते हुए अध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद पर जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार ABVP ने जोरदार वापसी करते हुए NSUI को केवल एक पद तक सीमित कर दिया।
अमित शाह ने दी बधाई
केंद्रीय गृह मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता अमित शाह ने ABVP की जीत पर कार्यकर्ताओं को बधाई दी। उन्होंने एक्स (Twitter) पर लिखा—
“DUSU चुनाव में ABVP की प्रचंड जीत युवाओं की राष्ट्र प्रथम विचारधारा में अटूट विश्वास का प्रतिबिंब है। यह जीत छात्र शक्ति को राष्ट्र शक्ति में परिवर्तित करने की यात्रा को और गति देगी।”
ABVP का उत्साह और जश्न
जीत के बाद ABVP के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर में जमकर जश्न मनाया। नारेबाज़ी, ढोल-नगाड़ों और आतिशबाज़ी के बीच कार्यकर्ताओं ने इसे ऐतिहासिक विजय करार दिया।
ABVP ने अपने आधिकारिक एक्स पोस्ट में लिखा—
“दुनिया देखा ने दम, DUSU जीत गए हैं हम! एबीवीपी पर विश्वास जताने के लिए समस्त छात्र शक्ति का हार्दिक आभार।”
NSUI की प्रतिक्रिया
NSUI ने उपाध्यक्ष पद की जीत को “छात्र हितों की जीत” बताया। पार्टी के नेताओं का कहना है कि भले ही केंद्रीय पैनल पर ABVP का दबदबा रहा हो, लेकिन NSUI ने युवाओं की आवाज़ बुलंद करना जारी रखा है और आगे भी छात्रों के मुद्दों को सड़कों से लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन तक पहुंचाया जाएगा।
क्यों अहम है DUSU चुनाव?
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव हमेशा से राष्ट्रीय राजनीति में चर्चा का विषय रहते हैं।
- यहां से निकले कई छात्र नेता आगे चलकर राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिकाएं निभा चुके हैं।
- छात्र राजनीति की यह प्रयोगशाला अक्सर देश की राजनीतिक दिशा का संकेत भी देती है।
- यही वजह है कि NSUI और ABVP जैसे राष्ट्रीय दलों से जुड़े संगठन इसमें अपनी पूरी ताकत झोंकते हैं।
DUSU चुनाव 2025 ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि छात्र राजनीति में ABVP का प्रभाव मजबूत बना हुआ है। तीन सीटों पर जीत हासिल कर ABVP ने अपना दबदबा कायम किया, वहीं NSUI को केवल उपाध्यक्ष पद से संतोष करना पड़ा।
अब देखना होगा कि आने वाले समय में यह छात्रसंघ किस तरह से छात्रों की समस्याओं को हल करता है और किस हद तक अपनी विचारधारा को छात्र राजनीति से आगे राष्ट्रीय राजनीति तक ले जाता है।