
देहरादून | 23 दिसम्बर 2025 उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पारा गिरने और शीतलहर के बढ़ते प्रकोप के बीच जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने मंगलवार रात लालपुल स्थित नगर निगम के रैनबसेरे का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की ज़मीनी हकीकत परखी। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को दो टूक कहा कि भीषण ठंड में किसी भी निराश्रित को खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर न होना पड़े।
ग्राउंड जीरो पर पहुंचे डीएम: व्यवस्थाओं का लिया जायजा
मंगलवार देर शाम जिलाधिकारी सविन बंसल अचानक लालपुल स्थित रैनबसेरे पहुंचे। उनके साथ मुख्य नगर आयुक्त नमामी बंसल और उप जिलाधिकारी सदर हरिगिरि समेत नगर निगम की पूरी टीम मौजूद रही। डीएम ने न केवल रैनबसेरे के रजिस्टर की जांच की, बल्कि वहां ठहरे हुए निराश्रित व्यक्तियों से सीधे बातचीत कर सुविधाओं का फीडबैक भी लिया।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने वहां मौजूद सुविधाओं—जैसे बिस्तर की गुणवत्ता, पीने के पानी की व्यवस्था, शौचालयों की स्वच्छता और रोशनी का सूक्ष्मता से अवलोकन किया। अधिकारियों ने डीएम को अवगत कराया कि पिछले एक सप्ताह से रैनबसेरे में प्रतिदिन औसतन 15 से 19 निराश्रित व्यक्ति रात्रि विश्राम कर रहे हैं।
नगर निगम को सख्त हिदायत: ‘सुविधाओं में कोताही बर्दाश्त नहीं’
जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान नगर निगम के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि रैनबसेरों की व्यवस्था को केवल कागजों तक सीमित न रखा जाए। उन्होंने निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए:
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मूलभूत सुविधाएं: रैनबसेरों में साफ-सुथरे बिस्तर, पर्याप्त कंबल, स्वच्छ पेयजल और सुचारू प्रकाश व्यवस्था हर हाल में सुनिश्चित हो।
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हाइजीन और सैनिटेशन: शौचालयों की नियमित सफाई और पूरे परिसर में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए ताकि वहां रहने वालों को बीमारियों का खतरा न हो।
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सुरक्षा और वातावरण: निराश्रितों को रैनबसेरों में सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण मिलना चाहिए।
“शीतकाल में निराश्रितों की सुरक्षा और उनकी सुविधा प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय के साथ काम करें ताकि कोई भी व्यक्ति कड़ाके की ठंड में असुरक्षित न रहे।” — सविन बंसल, जिलाधिकारी, देहरादून
शीतलहर के लिए ‘मास्टर प्लान’: सार्वजनिक स्थलों पर जलेंगे अलाव
बढ़ती ठंड को देखते हुए जिलाधिकारी ने केवल रैनबसेरों तक ही सीमित न रहकर पूरे शहर के लिए योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने नगर निगम को शहर के सभी प्रमुख सार्वजनिक स्थलों, चौराहों और रैनबसेरों के बाहर नियमित रूप से ‘अलाव’ जलाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है। जिलाधिकारी ने चिन्हित हॉटस्पॉट्स की सूची अपडेट करने के भी निर्देश दिए जहां निराश्रितों की संख्या अधिक होती है।
प्रशासनिक टीम रही मौजूद
इस महत्वपूर्ण निरीक्षण के दौरान मुख्य नगर आयुक्त नमामी बंसल ने जिलाधिकारी को आश्वस्त किया कि नगर निगम की टीमें रात में गश्त कर रही हैं और फुटपाथ पर सोने वाले लोगों को रैनबसेरों तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है। उप जिलाधिकारी (सदर) हरिगिरि ने भी क्षेत्रवार व्यवस्थाओं की रिपोर्ट डीएम के समक्ष प्रस्तुत की।
क्यों महत्वपूर्ण है यह निरीक्षण? (SEO Analysis)
दिसंबर के आखिरी हफ्ते में उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी ‘कोल्ड वेव’ (Cold Wave) का असर दिख रहा है। देहरादून जैसे शहर में जहां रात का तापमान तेजी से गिर रहा है, वहां प्रशासन की यह सक्रियता मानवीय दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मुख्य हाइलाइट्स:
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स्थान: लालपुल रैनबसेरा, देहरादून।
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प्रमुख निर्देश: साफ-सफाई, अलाव की व्यवस्था, निराश्रितों की सुरक्षा।
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फोकस: जीरो कैजुअल्टी (ठंड से किसी की मृत्यु न हो)।
निष्कर्ष
जिलाधिकारी सविन बंसल की इस पहल से यह स्पष्ट है कि देहरादून जिला प्रशासन सर्दियों की चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। रैनबसेरों के सुदृढ़ीकरण और अलाव की व्यवस्था से शहर के बेसहारा लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। अब देखना यह होगा कि नगर निगम के अधिकारी डीएम के इन निर्देशों का जमीन पर कितनी तत्परता से पालन करते हैं।



