नई दिल्ली: कर्नाटक के स्कूली पाठ्यक्रम से कांग्रेस की सरकार द्वारा विनायक दामोदर सावरकर और केशव बलिराम हेडगेवार को हटाए जाने पर चुप रहने के लिए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने पूर्व सहयोगी और शिवसेना UBT नेता उद्धव ठाकरे को आड़े हाथ लिया. नेता देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर यह तंज़ कसा है, क्योंकि दो माह पहले तक उद्धव ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को आगाह किया था कि सावरकर उनके लिए भगवान समान हैं, और उनके रोल मॉडल हैं, तथा उनका अपमान उनकी पार्टी को स्वीकार्य नहीं है. उद्धव ने उस वक्त चेताया था कि सावरकर को नीचा दिखाने से विपक्षी गठबंधन में ‘दरार’ पैदा होगी.
देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर केवल ‘सत्ता में रहने’ के लिए अपनी विचारधारा से समझौता करने का आरोप लगाया. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने कहा, “मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि आप किसी का नाम किताबों से मिटा सकते हैं, लेकिन उसे दिलों से नहीं निकाल सकते. आप उनके नाम नहीं मिटा सकते, जिन्होंने देश की आज़ादी में योगदान दिया लेकिन मैं उद्धव ठाकरे जी से पूछता हूं, जो महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बैठे हैं, अब आपकी क्या प्रतिक्रिया है? क्या आप स्वीकार करते हैं कि अल्पसंख्यक समुदायों का तुष्टीकरण केवल सत्ता के लिए हो रहा है, क्या आप वीर सावरकर जी का यह अपमान स्वीकार करेंगे? या बस समझौता कर लेंगे कुर्सी के लिए?”
सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने गुरुवार को एक कैबिनेट प्रस्ताव में कर्नाटक में कक्षा 6 से 10 तक की कन्नड़ और सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों में संशोधन को मंजूरी दे दी है. इस शैक्षणिक सत्र के लिए आरएसएस के संस्थापक केबी हेडगेवार और हिंदुत्व विचारक वीडी सावरकर से संबंधित अध्यायों सहित अन्य कुछ चैप्टर हटा दिए गए हैं.