Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/u147495553/domains/thehillindia.com/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4724
दिल्लीफीचर्ड

अगस्त में दिल्ली बनी ‘जल-नगरी’: 15 साल का रिकॉर्ड टूटा, सड़कें दरिया बनीं और राजनीति गरमाई

अब तक 399.8 मिमी बारिश दर्ज, 2010 के बाद सबसे अधिक; जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त, विपक्ष ने ठीकरा सरकार पर फोड़ा

नई दिल्ली : दिल्ली में अगस्त का महीना बारिश के लिहाज से ऐतिहासिक साबित हो रहा है। इस बार हुई बारिश ने पिछले 15 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2025 में अब तक 399.8 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है। इससे पहले 2010 में अगस्त महीने में 455.8 मिमी बारिश हुई थी। लगातार हो रही बारिश ने राजधानी को ‘जल-नगरी’ में बदल दिया है और इसके साथ ही राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है।


शुक्रवार को बेहाल हुई राजधानी

शुक्रवार को हुई झमाझम बारिश से दिल्ली की सड़कों पर जलभराव हो गया। आईटीओ, मथुरा रोड, रिंग रोड, आनंद विहार और अन्य प्रमुख इलाकों में ट्रैफिक घंटों ठप रहा। कई जगह अंडरपास पानी में डूब गए, जिससे वाहन चालक फंसे रहे। दिल्ली मेट्रो की कुछ लाइनों पर भी संचालन प्रभावित हुआ।

पूर्वी दिल्ली में एक दीवार गिरने की घटना में तीन बच्चे घायल हो गए, जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। बारिश के चलते लोगों को ऑफिस, स्कूल और अस्पताल जाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।


सियासत गरमाई

भारी बारिश और जलभराव ने दिल्ली की राजनीति में भी गर्मी ला दी है। विपक्ष ने भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि राजधानी में जलभराव और अव्यवस्था प्रशासन की घोर लापरवाही का नतीजा है। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि दिल्ली जैसे विश्वस्तरीय शहर का ढांचा बरसात की कुछ घंटों की बारिश में ही धराशायी हो जाता है।

वहीं सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि यह प्राकृतिक आपदा है और लगातार बारिश के कारण असामान्य स्थिति पैदा हुई है। नगर निगम और प्रशासन पूरी मुस्तैदी से जलभराव की समस्या से निपटने में लगे हुए हैं।


विशेषज्ञों की चेतावनी

शहर नियोजन और पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में अंधाधुंध कंक्रीट और जल निकासी तंत्र की बदहाली इस तरह की समस्या का मूल कारण है। यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने और नालों की सफाई न होने से हालात और बिगड़े। विशेषज्ञों का मानना है कि जलभराव को रोकने के लिए नालों की समय-समय पर सफाई, सीवर सिस्टम को अपग्रेड करना और शहर में हरित क्षेत्र बढ़ाना जरूरी है।


जनता का गुस्सा और बेबसी

सोशल मीडिया पर दिल्लीवासियों ने जलभराव की तस्वीरें और वीडियो साझा कर सरकार की खामियों को उजागर किया। कहीं लोग घुटनों तक पानी में पैदल चलते दिखे तो कहीं वाहन पानी में डूबे नज़र आए। कई इलाकों में बिजली कटौती और इंटरनेट सेवाएं भी प्रभावित हुईं।

आईटीओ पर फंसे एक ऑफिस कर्मचारी ने कहा, “हर साल यही हाल होता है। थोड़ा सा पानी बरसते ही दिल्ली डूब जाती है। करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद drainage system में सुधार क्यों नहीं होता?”


आगे की चुनौती

बारिश का यह सिलसिला अभी थमने के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी राजधानी में मध्यम से भारी बारिश की चेतावनी दी है। ऐसे में प्रशासन के सामने जलभराव, ट्रैफिक और जनसुरक्षा सबसे बड़ी चुनौतियां बनी रहेंगी।

दिल्ली की सड़कों पर बहते पानी ने यह साफ कर दिया है कि राजधानी का इंफ्रास्ट्रक्चर अब भी बारिश की चुनौती से निपटने में असमर्थ है। अगस्त की यह बारिश न केवल मौसम का रिकॉर्ड तोड़ गई, बल्कि शहर की व्यवस्थाओं की पोल भी खोल गई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/u147495553/domains/thehillindia.com/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4724