
राजधानी दिल्ली के निगम बोध श्मशान घाट पर इस महीने हुए अंतिम संस्कारों की संख्या ने चिंता और बढ़ा दी है. एक जून से 20 जून दोपहर साढ़े 12 बजे तक तक निगम बोध श्मशान घाट पर 1200 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार हो चुका है. क्या ये मौसम की जानलेवा मार है? ये सबसे बड़ा सवाल है, क्योंकि अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है और इसमें हीटवेव से होने वाली मौतें भी शामिल हैं. निगम बोध घाट की मुख्य प्रबंधक सुमन गुप्ता ने बताया कि प्रति महीने औसतन 60 लोगों का दाह संस्कार होता है. केवल इन महीनों में संख्या ज्यादा बढ़ जाती है या फिर दिसंबर की ठंड में बढ़ती है.
निगम बोध घाट पर हुए दाह संस्कार का पिछले एक हफ्ते का डाटा जो सामने आया है, वो चौंकाने वाला है. 14 जून को 43, 15 जून को 53, 16 जून को 70, 17 जून को 54, 18 जून को 97, 19 जून को 142, 20 जून को दोपहर साढ़े 12 बजे तक 35 शवों का अंतिम संस्कार हुआ. निगम बोध घाट की मुख्य प्रबंधक सुमन गुप्ता ने बताया कि श्मशान घाट पर व्यवस्था बढ़ानी पड़ी है. 10 एक्स्ट्रा स्टाफ जोड़े हैं. दबाव ज्यादा है, वॉलंटियर्स भी लगाए गए हैं. ठंडा पानी पीने की व्यवस्था की गई है. लकड़ी के काउंटर पर एक्स्ट्रा लोग लगाने पड़ रहे हैं. लोगों को असुविधा न हो, इसका भी ध्यान रखा जा रहा है.