
देहरादून, 14 सितंबर 2025: देहरादून जिला प्रशासन ने एक सराहनीय कदम उठाते हुए निर्धन परिवार की तीन बेटियों काजल, प्रीति और रागिनी को सरकारी विद्यालय में प्रवेश दिलाया है। स्कूल ड्रेस पहनने के बाद बच्चियों के चेहरे खुशी से खिल उठे। वहीं उनकी बड़ी बहन सरिता को जिला प्रशासन ने रोजगारपरक प्रशिक्षण दिलाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
डीएम से गुहार, त्वरित फैसला बना मिसाल
बीते दिनों तीनों बेटियों की बड़ी बहन सरिता ने जिलाधिकारी सविन बंसल से मुलाकात कर अपनी व्यथा सुनाई थी। सरिता ने बताया कि उनकी मां की डूबने से मौत हो चुकी है और पिता बेरोजगार हैं। ऐसे में तीनों छोटी बहनों की शिक्षा और विवाह की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई है। आर्थिक तंगी के कारण बेटियों की पढ़ाई छूट गई थी।
सरिता की पीड़ा सुनकर जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को तत्काल तीनों बच्चियों को स्कूल में दाखिला दिलाने के निर्देश दिए। साथ ही सरिता को रोजगारपरक प्रशिक्षण दिलाकर स्वरोजगार से जोड़ने की जिम्मेदारी जिला उद्योग केंद्र (GM DIC) को सौंपी।
काजल, प्रीति और रागिनी को मिला नया जीवन
डीएम के आदेश पर राजकीय प्राथमिक विद्यालय लाडपुर, रायपुर में काजल का दाखिला कक्षा 5, प्रीति का कक्षा 4 और रागिनी का कक्षा 3 में कराया गया।
स्कूल ड्रेस, निःशुल्क पुस्तकें और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराकर तीनों बच्चियों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा गया।
इस मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि यह सिर्फ प्रवेश नहीं, बल्कि उनके जीवन में उम्मीद की नई शुरुआत है।
बड़ी बहन सरिता को मिलेगा रोजगार प्रशिक्षण
तीनों बहनों की पढ़ाई सुनिश्चित करने के साथ ही प्रशासन ने सरिता को भी आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम उठाया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला प्रोबेशन अधिकारी ने GM DIC को पत्र भेजा है, जिसके तहत सरिता को कौशल विकास प्रशिक्षण दिलाया जाएगा और प्रशिक्षण के बाद उसे सेवायोजन अथवा स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा।
प्रोजेक्ट नंदा सुनंदा से जुड़ रहा अभियान
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह पहल केवल एक परिवार तक सीमित नहीं है। प्रोजेक्ट नंदा सुनंदा के अंतर्गत उन परिवारों की पहचान की जा रही है जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है और जिनकी बेटियां स्कूल से वंचित हैं। प्रशासन ऐसे सभी परिवारों की बेटियों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य कर रहा है।
डीएम ने दिया संदेश – शिक्षा ही भविष्य की चाबी
डीएम सविन बंसल ने कहा,
“शिक्षा ही बच्चों का भविष्य संवार सकती है। हर बेटी को पढ़ाई का अवसर मिलना चाहिए। जिला प्रशासन की यह प्राथमिकता है कि कोई भी बच्चा आर्थिक अभाव के कारण शिक्षा से वंचित न रहे।”
सामाजिक सरोकार में मिसाल पेश कर रहा प्रशासन
देहरादून जिला प्रशासन की इस त्वरित कार्यवाही से एक बार फिर यह संदेश गया है कि जरूरतमंद और असहाय परिवारों की मदद के लिए शासन और प्रशासन संवेदनशील है। यह पहल समाज के अन्य हिस्सों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन रही है।