
देहरादून, 15 अगस्त 2025: स्वतंत्रता दिवस न केवल एक राष्ट्रीय पर्व है, बल्कि यह भारतवासियों के लिए त्याग, बलिदान और संकल्प का प्रतीक भी है। 15 अगस्त 1947 को मिली स्वतंत्रता की अमूल्य धरोहर को स्मरण करते हुए डीबीएस पी.जी. कॉलेज में 79वां स्वतंत्रता दिवस बड़े उत्साह, गरिमा और देशभक्ति के जज़्बे के साथ मनाया गया। इस अवसर पर कॉलेज परिसर तिरंगे के रंगों में रंगा नज़र आया और चारों ओर देशप्रेम का माहौल व्याप्त था।
ध्वजारोहण और नशा मुक्ति की शपथ
कार्यक्रम का शुभारंभ कॉलेज के प्राचार्य प्रो. वी.सी. पांडे ने ध्वजारोहण के साथ किया। जैसे ही तिरंगा फहराया गया, उपस्थित सैकड़ों छात्र-छात्राएं, शिक्षक और नागरिक “वंदे मातरम” और “भारत माता की जय” के नारों से गूंज उठे। राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने के बाद सभी ने राष्ट्रगान गाया।
इस अवसर पर सामाजिक जिम्मेदारी का संदेश देते हुए नशा मुक्ति की शपथ दिलाई गई। शपथ के दौरान यह संकल्प लिया गया कि छात्र-छात्राएं और स्टाफ न केवल स्वयं नशे से दूर रहेंगे, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने में भी सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
एनसीसी की तिरंगा रैली ने बढ़ाया जोश
ध्वजारोहण के बाद कॉलेज की एनसीसी इकाई ने जोश और अनुशासन का शानदार प्रदर्शन किया। एनसीसी और एनएसएस कैडेट्स, एएनओ एसडब्ल्यू डॉ. महिमा श्रीवास्तव और एएनओ एसडी मेजर दिवेश सिंह के नेतृत्व में निकली तिरंगा रैली ने शहर की गलियों में देशभक्ति का संदेश फैलाया। “जय हिंद”, “वंदे मातरम” और “इंकलाब जिंदाबाद” जैसे नारों से वातावरण गूंज उठा। यह रैली केवल देशप्रेम का प्रतीक नहीं थी, बल्कि इसमें युवाओं की सक्रिय भागीदारी ने यह संदेश भी दिया कि आने वाली पीढ़ी राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।
वीर गाथाओं पर आधारित नाट्य मंचन
कार्यक्रम का सबसे भावुक और प्रेरणादायक हिस्सा था एनसीसी सीनियर विंग की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत नाट्य मंचन। इस मंचन में रानी लक्ष्मीबाई की वीरता, शहीद भगत सिंह के अदम्य साहस और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के त्याग को जीवंत कर दिया गया। मंचन में स्वतंत्रता संग्राम के दौर की कठिनाइयों, संघर्षों और क्रांतिकारियों के बलिदान को प्रभावशाली संवाद और अभिनय के माध्यम से प्रस्तुत किया गया, जिसे देखकर दर्शकों की आंखें नम हो गईं और हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
प्राचार्य का युवाओं को संदेश
कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य प्रो. वी.सी. पांडे ने स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को नमन करते हुए कहा,
“आज का दिन हमें याद दिलाता है कि हमारी स्वतंत्रता लाखों देशभक्तों के संघर्ष, बलिदान और त्याग का परिणाम है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस आज़ादी की रक्षा करें और राष्ट्र के विकास में योगदान दें।”
उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अनुशासन, निष्ठा और सामाजिक उत्तरदायित्व के साथ राष्ट्र सेवा में आगे आएं। उन्होंने यह भी कहा कि नशा मुक्ति, शिक्षा और सामाजिक जागरूकता जैसे मुद्दों पर युवा वर्ग को नेतृत्वकारी भूमिका निभानी चाहिए।
देशभक्ति का जज़्बा और सामूहिक संकल्प
कार्यक्रम का समापन “सारे जहां से अच्छा” और “जन गण मन” की स्वर लहरियों के साथ हुआ। कॉलेज परिसर में छात्रों के चेहरों पर तिरंगे के रंग, हाथों में लहराते राष्ट्रीय ध्वज और आंखों में भविष्य के भारत के सपने साफ झलक रहे थे। यह समारोह न केवल एक उत्सव था, बल्कि यह संकल्प लेने का अवसर भी था कि हम सब मिलकर अपने देश को और मजबूत, सुरक्षित और प्रगतिशील बनाएंगे।