
देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति में रविवार का दिन एक खास संदेश लेकर आया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज राजधानी देहरादून स्थित पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के डिफेंस कॉलोनी आवास पर पहुँचे, जहाँ उन्होंने वरिष्ठ नेता से मुलाकात कर दीपावली पर्व की शुभकामनाएँ दीं।
यह मुलाकात न केवल त्योहार के अवसर पर पारस्परिक सौहार्द का प्रतीक रही, बल्कि उत्तराखंड की राजनीतिक संस्कृति में संवाद, सम्मान और मानवीय संवेदना की झलक भी लेकर आई।
मुख्यमंत्री ने रावत की हाल ही में हुई दुर्घटना के बाद उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
मुख्यमंत्री ने जाना स्वास्थ्य, जताई चिंता और शुभकामनाएँ दीं
मुख्यमंत्री धामी दोपहर के समय पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के निवास पर पहुँचे। इस दौरान उन्होंने रावत परिवार से भी भेंट की और स्वास्थ्य की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से रावत के पूर्ण और शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करते हुए कहा कि—
“राज्य के वरिष्ठ नेता और जनसेवक के रूप में हरीश रावत जी की सक्रियता उत्तराखंड के लिए अमूल्य है। मैं कामना करता हूँ कि वे जल्द स्वस्थ होकर जनता की सेवा में पुनः सक्रिय हों।”
मुख्यमंत्री के साथ उनके कार्यालय के कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। उन्होंने रावत से हालचाल पूछते हुए दीपावली पर्व की मंगलकामनाएँ प्रेषित कीं।
हरीश रावत ने जताया आभार, कहा—‘राजनीति से ऊपर हैं मानवीय संबंध’
मुख्यमंत्री धामी की इस पहल पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह भेंट उत्तराखंड की उस राजनीतिक परंपरा को दर्शाती है जहाँ विचारों में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हृदयों में दूरियाँ नहीं होतीं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा,
“मुख्यमंत्री जी का आना मेरे लिए आत्मीय और भावनात्मक क्षण है। यह राज्य की राजनीतिक संस्कृति में परस्पर सम्मान का उदाहरण है। मैं उनके प्रति आभार व्यक्त करता हूँ और प्रदेश की प्रगति के लिए शुभकामनाएँ देता हूँ।”
इस अवसर पर रावत परिवार के सदस्यों ने भी मुख्यमंत्री का स्वागत किया। मुलाकात का वातावरण बेहद सौहार्दपूर्ण और आत्मीय रहा।
राजनीतिक सीमाओं से परे संवाद की मिसाल
मुख्यमंत्री धामी और पूर्व मुख्यमंत्री रावत की यह मुलाकात उत्तराखंड की राजनीति में सकारात्मक संवाद और सहिष्णु लोकतंत्र का प्रतीक मानी जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह के व्यक्तिगत स्तर पर बने सौहार्दपूर्ण रिश्ते लोकतंत्र की गरिमा को और मजबूत करते हैं।
राज्य के एक वरिष्ठ राजनीतिक पर्यवेक्षक ने कहा कि—
“राजनीति में विचारधाराएँ अलग हो सकती हैं, परंतु समाज और संस्कृति के स्तर पर एक-दूसरे के प्रति सम्मान और सहानुभूति ही लोकतंत्र की असली आत्मा है। मुख्यमंत्री धामी का यह कदम उसी भाव का प्रतीक है।”
सद्भाव की परंपरा को आगे बढ़ाता उत्तराखंड
उत्तराखंड अपनी स्थापना के बाद से ही सौहार्दपूर्ण और सहयोगी राजनीतिक संस्कृति के लिए जाना जाता रहा है। राज्य की राजनीति में कई बार यह देखा गया है कि सत्तापक्ष और विपक्ष के नेता जनहित और सामाजिक मुद्दों पर एकजुट होकर काम करते हैं।
मुख्यमंत्री धामी का हरीश रावत के घर जाकर स्वास्थ्य का हाल जानना, इस परंपरा की निरंतरता है। यह संकेत है कि उत्तराखंड की राजनीति में प्रतिस्पर्धा तो है, लेकिन कटुता नहीं।
दीपावली जैसे पावन पर्व पर हुई यह भेंट नागरिकों के लिए भी एक प्रेरणादायक संदेश देती है — कि समाज में भिन्न विचारों के बावजूद मानवीय संबंध हमेशा सर्वोपरि रहने चाहिए।
हरीश रावत की दुर्घटना के बाद स्वास्थ्य में सुधार
ज्ञात हो कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हाल ही में एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। घटना के बाद उन्हें उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के अनुसार, अब उनका स्वास्थ्य लगातार सुधार की दिशा में है।
प्रदेशभर से उनके समर्थक और शुभचिंतक उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थनाएँ कर रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी की यह मुलाकात भी उसी भाव का विस्तार थी — राजनीति से पहले मानवता।
धामी सरकार की ‘सौहार्द और संवाद’ की पहल
मुख्यमंत्री धामी अक्सर राजनीतिक और सामाजिक विरोधियों से संवाद बनाकर रखने के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने विपक्षी दलों के कई वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात की थी और राज्य के विकास कार्यों पर चर्चा की थी।
मुख्यमंत्री ने कई बार कहा है कि राज्य की प्रगति के लिए सभी राजनीतिक दलों का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने एक अवसर पर कहा था —
“राजनीति में प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए, परंतु समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी हमें एक सूत्र में बांधती है।”
जनता के बीच सकारात्मक संदेश
दीपावली के शुभ अवसर पर हुई यह मुलाकात जनता के बीच भी सकारात्मक संदेश लेकर आई है। सोशल मीडिया पर नागरिकों ने मुख्यमंत्री की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह “राजनीति में विनम्रता और संवेदना” का दुर्लभ उदाहरण है।
लोगों ने इसे “देवभूमि की राजनीति का उज्ज्वल पक्ष” बताते हुए कहा कि यदि नेताओं में परस्पर सम्मान और सहयोग की भावना बनी रहे तो प्रदेश निश्चित रूप से विकास के नए आयाम छू सकता है।
संवेदना और संस्कृति का संगम
मुख्यमंत्री धामी और हरीश रावत की यह मुलाकात केवल एक शिष्टाचार भेंट नहीं, बल्कि संवेदना और संस्कृति के संगम का प्रतीक रही। दीपावली का पर्व जहाँ अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का संदेश देता है, वहीं यह भेंट भी उस संदेश का प्रत्यक्ष रूप बनी — कि राजनीति के अंधकार में भी संवाद और सम्मान का दीप जलाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी भेंट के अंत में कहा कि वे ईश्वर से रावत के स्वास्थ्य लाभ की निरंतर प्रार्थना करते रहेंगे। उन्होंने उनके परिवार को भी दीपावली की मंगलकामनाएँ दीं और राज्य की समृद्धि के लिए शुभेच्छा प्रकट की।
पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने भी मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे प्रदेश के विकास के लिए सदैव शुभेच्छा रखते हैं और सभी दलों को साथ मिलकर उत्तराखंड को “संपन्न, शिक्षित और सशक्त राज्य” बनाने का प्रयास करना चाहिए। इस सौहार्दपूर्ण मुलाकात ने उत्तराखंड की राजनीति को एक बार फिर संवेदनशील, संतुलित और सहयोगी दिशा में आगे बढ़ाने का संदेश दिया।