
देहरादून, 18 अक्टूबर: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित कैंप कार्यालय में आयोजित एक औपचारिक समारोह के दौरान राजस्व परिषद के नवनियुक्त सहायक समीक्षा अधिकारी एवं समीक्षा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी नवनियुक्त कर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि यह नियुक्ति केवल एक सरकारी नौकरी नहीं, बल्कि जनसेवा का दायित्व है। उन्होंने कहा कि दीपावली से पूर्व नियुक्ति पत्र प्राप्त होना इन युवाओं और उनके परिवारों के लिए विशेष खुशी का अवसर है, जो राज्य सरकार की युवाओं के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
“सरकारी सेवा को जनसेवा का माध्यम बनाएं” — मुख्यमंत्री धामी
मुख्यमंत्री धामी ने नव-नियुक्त कार्मिकों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकारी सेवा को केवल दायित्व के रूप में नहीं, बल्कि जनसेवा के माध्यम के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा,
“आपकी नियुक्ति केवल एक पद प्राप्त करने की उपलब्धि नहीं, बल्कि जनता की सेवा का अवसर है। कार्य करते समय निष्ठा, पारदर्शिता और संवेदनशीलता बनाए रखना आवश्यक है। जनता को त्वरित और सरल सेवाएं प्रदान करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन-प्रशासन के कार्यों में सरलीकरण, पारदर्शिता और जवाबदेही लाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने सभी नवनियुक्त अधिकारियों से अपने दायित्वों के निर्वहन में ईमानदारी और समर्पण की अपेक्षा की।
26,000 से अधिक युवाओं को अब तक सरकारी नौकरी
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि पिछले चार वर्षों में राज्य सरकार ने 26,500 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की है। उन्होंने कहा कि सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है — राज्य में सभी भर्तियों को पारदर्शिता और मेरिट के आधार पर आगे बढ़ाना।
उन्होंने कहा,
“हमने राज्य में युवाओं के लिए रोजगार सृजन को मिशन मोड में लिया है। रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया अभियान की तरह लगातार जारी है। पारदर्शिता हमारी पहचान है और इसी नीति पर सरकार आगे भी काम करती रहेगी।”
भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता — ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की नीति
मुख्यमंत्री धामी ने प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि भर्ती प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता या भ्रष्टाचार के लिए शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) की नीति अपनाई गई है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में हरिद्वार में आयोजित एक परीक्षा से संबंधित अनियमितता का मामला सामने आने पर सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया और एसआईटी जांच गठित की।
छात्रों की भावनाओं का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री ने स्वयं उनसे भेंट की और उनकी मांगों के अनुरूप परीक्षा को निरस्त कर सीबीआई जांच की संस्तुति की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में उत्तराखंड में आयोजित सभी प्रतियोगी परीक्षाएं पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ कराई गई हैं। उन्होंने कहा कि,
“हमारी सरकार में किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार या सिफारिश का स्थान नहीं है। केवल योग्य और परिश्रमी उम्मीदवारों को ही अवसर मिल रहा है — यही हमारी नीति और प्राथमिकता है।”
“पारदर्शिता हमारी पहचान, भर्ती प्रक्रिया अभियान के रूप में जारी रहेगी”
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार बनने के बाद से ही उन्होंने राज्य में रिक्त पदों को भरने के लिए पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया को अभियान के रूप में शुरू किया। उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं को विश्वास दिलाया गया है कि योग्यता और मेहनत ही चयन का आधार होगी।
उन्होंने कहा,
“भर्ती प्रक्रिया अब केवल औपचारिकता नहीं रही, बल्कि यह एक जनविश्वास का अभियान बन चुकी है। हम इसे निरंतर जारी रखेंगे ताकि उत्तराखंड का हर परिश्रमी युवा अपनी योग्यता के अनुसार अवसर प्राप्त कर सके।”
सरलीकरण और सुशासन पर जोर
मुख्यमंत्री धामी ने नवनियुक्त अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि अब प्रशासनिक प्रणाली में तेजी और कुशलता लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं के समाधान में विलंब नहीं होना चाहिए।
“राज्य की जनता को सरल, त्वरित और पारदर्शी सेवाएं देना हमारा लक्ष्य है। नई पीढ़ी के अधिकारियों को तकनीकी दक्षता के साथ संवेदनशीलता भी अपनानी होगी,”
मुख्यमंत्री ने कहा।
सरकार की युवा-केंद्रित नीतियों का असर
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं के लिए रोजगार, उद्यमिता और कौशल विकास के क्षेत्र में कई नई योजनाएं संचालित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी नियुक्तियों के साथ-साथ स्टार्टअप्स, होमस्टे और टूरिज्म सेक्टर में भी हजारों युवाओं को नए अवसर मिल रहे हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि हर क्षेत्र में स्थानीय युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएं।
कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी
इस अवसर पर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सचिव एस.एन. पांडे, अपर सचिव रंजना राजगुरु, राजस्व परिषद के वरिष्ठ अधिकारी तथा सभी नव-नियुक्त सहायक समीक्षा अधिकारी एवं समीक्षा अधिकारी उपस्थित रहे।
समारोह के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने चयनित अधिकारियों और उनके परिजनों से संवाद करते हुए कहा कि यह सफलता केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि राज्य की सेवा के प्रति एक नई शुरुआत है। उन्होंने सभी से ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ जनता की सेवा करने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री धामी का यह कदम न केवल राज्य सरकार की युवा सशक्तिकरण और सुशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि उत्तराखंड में योग्यता, पारदर्शिता और जवाबदेही ही सरकारी सेवा का आधार बनेगी। भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता को प्राथमिकता देने की नीति ने सरकार के प्रति युवाओं का विश्वास और अधिक मजबूत किया है। दीपावली से पहले मिली इस सौगात ने सैकड़ों परिवारों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है — और यह संदेश स्पष्ट है कि उत्तराखंड सरकार युवाओं के सपनों को साकार करने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है।