
बेंगलुरु/कलबुर्गी: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ पारिवारिक तनाव और लगातार बढ़ती आपराधिक प्रवृत्ति ने एक 24 वर्षीय युवक की जान ले ली। आरोप है कि युवक के ही बड़े भाई ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार, बड़े भाई का कहना है कि वह छोटे भाई के हिंसक, असामाजिक और अपराधी जैसे व्यवहार से बेहद परेशान था, जिसके चलते उसने यह खौफनाक कदम उठाया।
कौन थे आरोपी और मृतक?
मृतक की पहचान धनराज (24) के रूप में हुई है, जबकि मुख्य आरोपी शिवराज (28) उसका बड़ा भाई है। दोनों मूल रूप से कलबुर्गी जिले के आलैंड के रहने वाले हैं। शिवराज के साथ उसके दो दोस्त—संदीप और प्रशांत—ने इस हत्या की साजिश में भूमिका निभाई।
छोटे भाई का आपराधिक व्यवहार बना तनाव की जड़
पुलिस जांच में सामने आया है कि धनराज का चरित्र पिछले कई वर्षों से परिवार और समाज के लिए परेशानी का कारण बना हुआ था। पुलिस के अनुसार:
- धनराज चोरी, शराब पीने और झगड़ा-फसाद में लगातार शामिल रहता था।
- पड़ोसियों ने मोबाइल फोन और मवेशी चोरी की शिकायतें भी दर्ज कराई थीं।
- उसने कई बार अपने माता-पिता के साथ मारपीट की, यहां तक कि अपने बड़े भाई शिवराज को भी हिंसक व्यवहार से डराने की कोशिश की।
- चेतावनी देने पर वह आक्रामक हो जाता था और घर पर तनाव का वातावरण बना रहता था।
इन घटनाओं से परेशान होकर बड़े भाई के मन में भय और असहायता घर करने लगी, जो अंततः एक खतरनाक फैसला साबित हुआ।
हत्या की साजिश और क्रूर वारदात
बेंगलुरु पुलिस के अनुसार, तीनों आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से इस जघन्य हत्या को अंजाम दिया। घटना इस प्रकार हुई:
- धनराज को कार में ले जाया गया
आरोपियों ने 4 नवंबर को बन्नेरघट्टा एनआईसीई रोड जंक्शन के पास धनराज को कार में बैठाया। धनराज आगे की सीट पर बैठकर मोबाइल में व्यस्त था। - पीछे से हमला
उसी दौरान पीछे बैठे संदीप और प्रशांत ने धनराज को कसकर पकड़ लिया। - गले पर धारदार हथियार से वार
जैसे ही धनराज को काबू में किया गया, शिवराज ने गला काटने जैसा घातक वार किया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
कार के अंदर ही पूरी वारदात को अंजाम दिया गया, जिससे कोई शोर न हो और हत्या तुरंत हो जाए। - शव को फेंक दिया सड़क किनारे
हत्या के बाद आरोपी शव को बन्नेरघट्टा–कग्गलीपुरा रोड के किनारे फेंककर फरार हो गए।
सबूत मिटाने की असफल कोशिश
हत्या के बाद आरोपियों ने सभी सबूत नष्ट करने की कोशिश की:
- कार के गंदे हो चुके मैट को इलेक्ट्रॉनिक सिटी एनआईसीई रोड के पास फेंक दिया।
- हत्या में इस्तेमाल हथियार को भी वहीं ठिकाने लगाया।
लेकिन उन्हें यह अहसास नहीं था कि आधुनिक तकनीक उनके कदमों को बेनकाब कर देगी।
4 दिन बाद मिला शव, सीसीटीवी फुटेज बनी अहम कुंजी
6 नवंबर को पुलिस को सड़क किनारे एक सड़ा-गला शव मिला, जिसकी पहचान प्रारंभ में नहीं हो सकी।
पहले यह मामला प्राकृतिक या संदिग्ध मौत जैसा लग रहा था। लेकिन घटनास्थल के पास स्थित एक निजी कंपनी का सीसीटीवी फुटेज जांच में गेम-चेंजर साबित हुआ।
सीसीटीवी में:
- कार रुकती दिखी,
- तीन लोग उतरकर एक शव को सड़क किनारे फेंकते दिखे,
- कार के नंबर प्लेट स्पष्ट दिखाई दे रहे थे।
वाहन नंबर के आधार पर पुलिस ने तुरंत जांच आगे बढ़ाई और तीनों आरोपियों को पकड़ लिया।
आरोपियों की गिरफ्तारी और पुलिस की कार्रवाई
बन्नेरघट्टा पुलिस ने तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जहाँ उन्होंने हत्या की बात कबूल कर ली। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला पारिवारिक तनाव का चरम रूप है, जहाँ एक भाई को अपने ही भाई की जान लेनी पड़ी।
लेकिन कानून के अनुसार, भले ही कोई कितना भी परेशान क्यों न हो, किसी की हत्या किसी भी परिस्थिति में जायज़ नहीं है। आरोपी अब हत्या (IPC 302), सबूत नष्ट करने (IPC 201) और अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमे का सामना करेंगे।
समाज के लिए संदेश: अपराध का जवाब अपराध नहीं
यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं — यह एक परिवार के टूटने की त्रासदी है। एक तरफ एक ऐसा युवक था जो लगातार अपराधों में लिप्त होकर अपने परिवार की मुश्किलें बढ़ा रहा था, और दूसरी ओर उसका बड़ा भाई, जो बार-बार अपमान, डर और तनाव से टूट चुका था। लेकिन उसके इस कदम ने परिवार को और गहरे अंधकार में धकेल दिया।
बेंगलुरु की यह हत्या हमें याद दिलाती है कि पारिवारिक तनाव, असामाजिक व्यवहार और मानसिक दबाव जब चरम पर पहुंचते हैं, तो अक्सर हादसे जन्म लेते हैं। ऐसे मामलों में कानून, सलाह, परामर्श और सामुदायिक हस्तक्षेप ही सही रास्ता हैं — न कि हिंसा का रास्ता।
पुलिस अब सभी तकनीकी और फोरेंसिक सबूतों के आधार पर मामले की जांच को तेज कर रही है। वहीं पूरा इलाका इस हृदयविदारक घटना से सदमे में है कि कैसे एक परिवार आंतरिक तनाव की वजह से बिखर गया।



