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Dalhi: लाल किले के बाहर कार धमाका: नौ की मौत, फिदायीन हमले की आशंका; फरीदाबाद विस्फोटक बरामदगी से जुड़े तारों की जांच तेज

नई दिल्ली, 11 नवंबर (भाषा): राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली रविवार शाम एक भीषण धमाके से दहल उठी जब लाल किले के पास खड़ी एक कार में अचानक विस्फोट हो गया। यह विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि आसपास खड़ी कई गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए और क्षेत्र में अफरातफरी मच गई। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, इस हादसे में कम से कम नौ लोगों की मौत हुई है जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।

धमाके की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई और आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल बन गया। घटना के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और बम निरोधक दस्ते के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पूरे क्षेत्र को घेरकर तलाशी अभियान शुरू किया।


धमाके के तार फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल से जुड़े होने की आशंका

जांच से जुड़े उच्चस्तरीय सूत्रों ने बताया कि यह विस्फोट संभवतः आतंकी साजिश का हिस्सा था और इसके तार हाल ही में फरीदाबाद में बरामद किए गए 2,900 किलोग्राम विस्फोटक से जुड़े पाए जा रहे हैं। पिछले सप्ताह ही हरियाणा पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने फरीदाबाद के एक गोदाम से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जब्त की थी और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े सात संदिग्धों को हिरासत में लिया गया था।

सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि लाल किले के पास विस्फोट हुई कार उमर मोहम्मद नामक व्यक्ति से जुड़ी थी, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले का निवासी है। उमर पेशे से डॉक्टर बताया जा रहा है, लेकिन एजेंसियों को संदेह है कि वह जैश-ए-मोहम्मद के उसी आतंकी मॉड्यूल से सक्रिय रूप से जुड़ा था, जिससे हाल में गिरफ्तार किए गए सात लोग संबंधित हैं।


कार के मालिक से पूछताछ, फिदायीन हमले की संभावना पर जांच

पुलिस सूत्रों ने बताया कि धमाके में जिस कार का इस्तेमाल हुआ, उसका पंजीकरण तारिक अहमद नामक व्यक्ति के नाम पर है, जो पुलवामा का ही रहने वाला है। एजेंसियों ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

सूत्रों ने कहा, “प्रारंभिक साक्ष्यों से यह संकेत मिल रहे हैं कि कार में विस्फोटक पहले से लगाया गया था और यह संभव है कि यह फिदायीन (आत्मघाती) हमला हो। जांच यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या कार में सवार व्यक्ति ने जानबूझकर विस्फोट किया या यह रिमोट-डिटोनेशन के ज़रिए किया गया।”


एनआईए और दिल्ली पुलिस की संयुक्त जांच

दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ (स्पेशल सेल) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने घटना की संयुक्त जांच टीम गठित की है। एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विस्फोट के नमूनों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। प्रारंभिक विश्लेषण से संकेत मिले हैं कि इसमें सैन्य ग्रेड का आरडीएक्स या पीईटीएन (Pentaerythritol Tetranitrate) इस्तेमाल किया गया हो सकता है।

एनएसजी की बम डिस्पोज़ल यूनिट ने मौके से कई धातु के टुकड़े और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए हैं, जिनका उपयोग विस्फोटक को सक्रिय करने में किया गया होगा। एजेंसियां अब यह भी जांच कर रही हैं कि धमाके में प्रयुक्त विस्फोटक फरीदाबाद से लाया गया था या किसी और चैनल के ज़रिए दिल्ली में पहुंचा।


मुख्यमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्रालय की प्रतिक्रिया

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि ‘‘यह राजधानी के लिए बेहद चिंताजनक क्षण है। मैं केंद्र सरकार और सभी सुरक्षा एजेंसियों से अपील करता हूं कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए।’’

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी इस विस्फोट को ‘‘गंभीर सुरक्षा चुनौती’’ बताते हुए जांच एजेंसियों को हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस और एनआईए को घटना की हर दिशा से जांच करने को कहा गया है। प्रारंभिक जांच के आधार पर किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना अभी जल्दबाज़ी होगी।’’


प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया—“धमाके के बाद सब कुछ धुएं में बदल गया”

लाल किले के पास रहने वाले एक स्थानीय दुकानदार ने कहा, “हमने तेज धमाके की आवाज सुनी। ऐसा लगा जैसे किसी ट्रक में बम फट गया हो। चारों ओर धुआं भर गया, लोग चीखते हुए भागने लगे। कुछ गाड़ियां जलने लगीं।”

एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, “धमाका शाम करीब साढ़े छह बजे हुआ। उस समय वहां पर्यटक और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे। पुलिस ने तुरंत इलाके को खाली कराया, लेकिन कुछ देर तक कुछ समझ नहीं आया कि क्या हुआ है।”


सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता बढ़ी

घटना के बाद दिल्ली समेत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रमुख रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों, मेट्रो स्टेशनों और ऐतिहासिक स्थलों पर अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं।

सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी अपने खुफिया नेटवर्क को सक्रिय किया है ताकि किसी संभावित आतंकी साजिश का समय रहते पता लगाया जा सके।


घटना की पृष्ठभूमि और संभावित आतंकी नेटवर्क की पड़ताल

इस विस्फोट की पृष्ठभूमि में पिछले कुछ हफ्तों में हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में आतंकी नेटवर्क के खिलाफ हुई कार्रवाइयां महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि फरीदाबाद में जब्त किए गए विस्फोटकों और गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ के दौरान कई अहम खुलासे हुए थे।

एक अधिकारी ने बताया, “संभावना है कि यह धमाका उन स्लीपर सेल्स की प्रतिक्रिया हो, जो हाल की गिरफ्तारियों से बौखला गए हैं। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि क्या इस धमाके से पहले किसी विदेशी एजेंसी या आतंकी संगठन से डिजिटल संपर्क हुआ था।”


फॉरेंसिक रिपोर्ट और डीएनए जांच की प्रतीक्षा

पुलिस ने घटनास्थल से मिले अवशेषों को डीएनए जांच के लिए भेजा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि धमाके में कार चला रहा व्यक्ति मारा गया या फरार हो गया। अधिकारियों का कहना है कि यदि डीएनए प्रोफाइलिंग से उमर मोहम्मद की पहचान होती है, तो यह जांच के लिए महत्वपूर्ण सबूत साबित होगा।


राष्ट्रीय सुरक्षा पर गहन निगरानी की जरूरत

राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले जैसे ऐतिहासिक स्थल के पास हुआ यह धमाका देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक गंभीर चेतावनी माना जा रहा है। जांच एजेंसियां इस घटना को आतंकी साजिश के रूप में देख रही हैं और इसे किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा मानकर काम कर रही हैं।

एनआईए और दिल्ली पुलिस की टीमों ने कहा है कि जांच के हर पहलू — कार की उत्पत्ति, विस्फोटक की आपूर्ति, डिजिटल ट्रेल, और संभावित विदेशी संपर्क — की गहराई से पड़ताल की जाएगी।

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