
उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद के धराली गांव में हाल ही में आई आपदा ने कई परिवारों को उजाड़ दिया है। ऊंचाई वाले इलाके में बादल फटने और तेज बहाव के कारण भारी तबाही हुई, जिससे कई मकान पूरी तरह नष्ट हो गए और स्थानीय आजीविका पर गंभीर असर पड़ा। इस गंभीर परिस्थिति में राज्य सरकार ने त्वरित राहत और पुनर्वास के लिए निर्णायक कदम उठाए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को धराली आपदा प्रभावितों के लिए दो अहम घोषणाएं कीं, जो न केवल तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान करेंगी, बल्कि भविष्य में ऐसे क्षेत्रों के लिए दीर्घकालिक सुरक्षा और आजीविका सुधार की दिशा भी तय करेंगी।
1. क्षतिग्रस्त मकानों और मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख की सहायता
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि ग्राम धराली, तहसील भटवाड़ी, में आपदा से जिन लोगों के मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त या नष्ट हुए हैं, उन्हें तत्काल ₹5 लाख की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। यह राशि उनके पुनर्वास और विस्थापन में मददगार साबित होगी।
साथ ही, इस आपदा में जान गंवाने वाले नागरिकों के परिजनों को भी ₹5 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी। सरकार का उद्देश्य है कि प्रभावित परिवारों को इस कठिन समय में आर्थिक सहारा मिल सके और वे शीघ्र सामान्य जीवन की ओर लौट सकें।
2. पुनर्वास और आजीविका सुदृढ़ीकरण के लिए समिति का गठन
मुख्यमंत्री धामी ने दूसरी बड़ी घोषणा में बताया कि आपदा प्रभावित ग्राम वासियों के पुनर्वास, समग्र पुनरुद्धार और स्थायी आजीविका के सुदृढ़ीकरण के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इस समिति की अध्यक्षता सचिव, राजस्व करेंगे और इसमें संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
समिति को एक सप्ताह के भीतर अपनी प्राथमिक रिपोर्ट शासन को सौंपने का निर्देश दिया गया है। रिपोर्ट के आधार पर एक दीर्घकालिक नीति तैयार की जाएगी, जिससे प्रभावित क्षेत्र की सुरक्षा, बुनियादी ढांचे का पुनर्निर्माण और आर्थिक गतिविधियों का पुनर्जीवन सुनिश्चित किया जा सके।
राज्य सरकार की आपदा प्रबंधन नीति का उदाहरण
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार हर आपदा प्रभावित नागरिक के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि राहत और पुनर्वास की सभी कार्यवाहियां त्वरित और प्रभावशाली रूप से क्रियान्वित होंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि धराली जैसे आपदा संवेदनशील इलाकों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, सुरक्षित आवास विकसित करने और स्थानीय आजीविका के नए अवसर पैदा करने के लिए सरकार दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाएगी।
धराली गांव में हाल ही में बादल फटने की घटना के बाद खीरगंगा नदी में आए सैलाब ने भारी तबाही मचाई। पानी और मलबे के तेज बहाव में 20 से अधिक घर, होटल और होमस्टे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। कई परिवार बेघर हो गए और स्थानीय पर्यटन आधारित आजीविका बुरी तरह प्रभावित हुई।
धराली आपदा ने एक बार फिर उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते खतरे को उजागर किया है। मुख्यमंत्री धामी की घोषणाएं न केवल तत्काल राहत देती हैं, बल्कि भविष्य के लिए एक संगठित और सुरक्षित पुनर्वास योजना की नींव भी रखती हैं।